नई दिल्ली: रिजल्ट का दौर शुरू हो चुका है. आईसीएसई, आईएससी और सीबीएसई बोर्ड के साथ ही स्टेट बोर्ड्स भी जल्द से जल्द अपने स्टूडेंट्स के रिजल्ट जारी करने पर जोर दे रहे हैं. जहां एक तरफ टॉपर्स के रिजल्ट, इंटरव्यू और मार्कशीट (marksheet) को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है तो वहीं एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या इन सबसे कम नंबर पाने वाले विद्यार्थी हताश नहीं हो जाते हैं?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जरूरी है मोटिवेशन
जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए हर तरफ मोटिवेशन बहुत जरूरी होता है. एक नामी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन और एक अच्छे करियर के लिए रिजल्ट का अच्छा होना बेशक जरूरी है, पर वह हमारी सारी जिंदगी की मेहनत पर मोहर नहीं लगा सकता है. आमतौर पर कई घरों में अब भी रिजल्ट के समय अजीब सा माहौल हो जाता है. बच्चों की तुलना शुरू हो जाती है और कम अंक प्राप्त करने वाले बच्चे इन सब बातों से और परेशान हो जाते हैं. ऐसे में बच्चों को थोड़ा मोटिवेट करना भी जरूरी होता है. सिर्फ एक मार्कशीट किसी का भी पूरा भविष्य तय नहीं कर सकती है. अगर आज अंक कम आए हैं तो हताश होने के बजाय दोगुनी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया जाना जरूरी है.



खास है यह मार्कशीट
अहमदाबाद के आईएएस (IAS) अफसर नितिन सांगवान ने कम अंक लाने वाले बच्चों को प्रेरित करने के लिए अपनी 12वीं की मार्कशीट सोशल मीडिया पर शेयर की है. इसमें उन्हें केमिस्ट्री में मात्र 24 अंक मिले थे, जो कि पासिंग मार्क्स से महज एक अंक ज्यादा है. उन्होंने मार्कशीट की इस फोटो के साथ सोशल मीडिया पर लिखा- 12वीं के एग्जाम में मुझे केमिस्ट्री में 24 मार्क्स मिले थे, जो कि पासिंग मार्क्स से सिर्फ 1 नंबर ज्यादा है. मगर उससे यह निर्णय नहीं हो गया था कि मुझे जिंदगी में क्या चाहिए है.
बच्चों को मार्क्स के बोझ तले मत दबाइए. जिंदगी बोर्ड के रिजल्ट से कहीं ज्यादा है. रिजल्ट को इंट्रोस्पेक्शन का अवसर बना रहने दीजिए, उसे क्रिटिसिज्म मत बनाइए.


अगर आपके आस-पास भी कोई ऐसा बच्चा है, जिसके अंक कम आए हों तो उसे आत्मग्लानि के समंदर में डुबोने के बजाय जिंदगी के बाकी रंग देखने के लिए प्रेरित करिएगा.


ऐसी ही अजब-गजब खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें