IAS Success Stories: सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination), जिसे औपचारिक रूप से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा के रूप में जाना जाता है, को देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक माना जाता है. जहां कुछ उम्मीदवार पहले ही प्रयास में सफल हो जाते हैं, वहीं कुछ छात्र कई प्रयासों के बाद सफलता का स्वाद चखते हैं. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पली-बढ़ीं नम्रता जैन (Namrata Jain) का एक सपना था- सिविल सर्विसेज में जाने का.


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बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं नम्रता


नम्रता जैन (Namrata Jain) मूल रूप से दंतेवाड़ा जिले के अशांत गीदम इलाके की रहने वाली हैं. प्रारंभिक पढ़ाई के बाद वह हाई स्कूल के लिए दुर्ग जिले और इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए भिलाई गईं. उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी 2016 में AIR 99 हासिल किया. इसके बाद वह आईपीएस अधिकारी बनीं. हालांकि, वह एक IAS अधिकारी बनना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने UPSC परीक्षाओं के लिए फिर से आवेदन किया और AIR 12, CSE 2018 रैंक सुरक्षित किया.


चाचा सुरेश जैन बताई नम्रता की कहानी


चाचा सुरेश जैन ने कहा, 'वह अपनी स्कूली शिक्षा और अपने कॉलेज में भी बहुत पढ़ाकूं लड़की थी. हमें पता था कि वह एक दिन सिविल सेवा परीक्षा पास करेगी.' उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उसने पढ़ाई के लिए अपने होमटाउन गीदम से लगभग 350-400 किलोमीटर दूर दुर्ग और भिलाई की यात्रा की थी. नम्रता के चाचा सुरेश जैन ने कहा, 'उसने अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए बहुत प्रयास किए. उसने अपनी पढ़ाई में कभी रुचि नहीं खोई और ध्यान केंद्रित किया. यह सब उसकी कड़ी मेहनत का परिणाम है.'


नम्रता जैन ने बताया सफलता के पीछे की कुंजी


नम्रता का मानना है कि अगर कोई उम्मीदवार आर्थिक रूप से मजबूत है, तो उसे नौकरी के बजाय केवल तैयारी पर ध्यान देना चाहिए. उनके अनुसार पूरी तरह से समर्पित होकर इस परीक्षा में सफलता मिलती है. हालांकि, वह यह भी मानती हैं कि यदि कोई अच्छी वित्तीय स्थिति में नहीं है, तो नौकरी के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करके भी सफलता प्राप्त की जा सकती है.