Begunkodar Railway Station: भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जहां पर लोगों का मानना है कि उस जगह पर प्रेतात्मा का वास है. भूतों वाली जगहों के बारे में जानकर लोग उस जगह पर जाने से डरते हैं. यहां तक कि कई अजीबोगरीब जगहों पर भूत-प्रेत के बारे में चर्चा होती है. कुछ लोग तो उस जगह पर जाकर इसका सच जानने की कोशिश करते हैं. भारत में डरावनी जगहों की बहुत बड़ी लिस्ट है, लेकिन कुछ रेलवे स्टेशनों ने भी इस लिस्ट में जगह बनाई है, जिसमें बेगुनकोदर (Begunkodar Railway Station) शीर्ष स्थान पर है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वर्तमान में बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन, राजस्थान के भानगढ़ किले और झारखंड के सिमुलतला में दुलारी भवन के साथ भारत में सबसे भूतिया जगहों में से एक माना जाता है. यदि आप इस डरावने रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए तैयार हैं तो इस बारे में आगे पढ़ना बेहद जरूरी है. संथाल की रानी लाखन कुमारी के प्रयासों के परिणामस्वरूप, 1960 के दशक की शुरुआत में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले (रांची रेल डिवीजन के कोटशिला-मुरी खंड) में बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया था. ऐसे एकांत क्षेत्र में रेलवे स्टेशन के निर्माण का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया. 1967 तक यह भीड़ से गुलजार था, लेकिन उस साल, तत्कालीन स्टेशन मास्टर ने भूत देखने का दावा किया और स्टेशन को छोड़ दिया गया.


बेगुनकोडर रेलवे स्टेशन का डरावना पक्ष


कई मान्यताओं के अनुसार, स्टेशन मास्टर ने सफेद साड़ी पहने एक महिला की परछाई रेलवे पटरियों के किनारे दौड़ते हुए देखी. स्थानीय लोगों का मानना था कि यह भूत एक लड़की का था जिसने पटरी पर आत्महत्या कर ली थी. धीरे-धीरे और भी लोगों ने महिला की आत्मा को देखने की सूचना दी और प्रशासन से कार्रवाई करने का अनुरोध किया. हालांकि, अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके अलावा, स्टेशन मास्टर और उनके परिवार की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई, जिससे और अधिक अराजकता और अफवाह फैलने लगी. 


नतीजा यह हुआ कि स्टेशन पर ट्रेनों का रुकना बंद हो गया और कर्मचारी पीछे हटने लगे. जब बार-बार प्रयास करने के बाद भी अधिकारी नए कर्मचारियों को नियुक्त नहीं कर पाए, तो इसके कारण बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन को बंद करना पड़ा. 2009 में यह फिर से शुरू किया और पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने 42 साल बाद इसे फिर से खोला, लेकिन यहां कोई रेलवे कर्मचारी तैनात नहीं हुआ. इतने सालों के बाद भी, भूत का डर बना हुआ है और लोग शाम 5 बजे के बाद रुकने से बचते हैं, जिसके कारण इस भूतिया रेलवे स्टेशन पर 'भूत पर्यटन' भी शुरू हो गया है. 2017 में तर्कवादियों के एक समूह ने भूत की कहानी को गलत साबित करने के लिए बेगुनकोडर रेलवे स्टेशन पर एक रात के लिए डेरा डाला था, लेकिन उन्हें ऐसा कुछ अहसास नहीं हुआ.