Indian Railways: भारत में कभी घोड़े खींचते थे रेलगाड़ी, कुछ ऐसा रहा है रेलवे का पुराना इतिहास
Indian Railways History: भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे है. यह भारत में सबसे बड़ी सवारी गाड़ी है जो हर रोज लाखों लोगों को उनकी मंजिल तक ले जाती है. भारतीय रेलवे का शुरुआती नाम `ग्रेट पेनिंसुलर रेलवे` था. इसके बाद इसका नाम 1951 में `इंडियन रेलवे` कर दिया गया था.
Indian Railways Facts: भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे है. यह भारत में सबसे बड़ी सवारी गाड़ी है जो हर रोज लाखों लोगों को उनकी मंजिल तक ले जाती है. भारतीय रेलवे का शुरुआती नाम 'ग्रेट पेनिंसुलर रेलवे' था. इसके बाद इसका नाम 1951 में 'इंडियन रेलवे' कर दिया गया था. भारतीय रेलवे के पास लगभग 1.6 लाख किमी की रेल लाइन है, जिसमें से 70,000 किमी से अधिक उत्तरी रेलवे, 63,000 किमी से अधिक मध्य रेलवे, 9,000 किमी से अधिक पश्चिमी रेलवे और 4,000 किमी से अधिक दक्षिणी रेलवे में हैं.
कभी घोड़े खींचते थे रेलवे ट्रेन
भारतीय रेलवे के शुरूआती दौर में रेलगाड़ियों में घोड़े इस्तेमाल किए जाते थे. 9 मई 1874 को हावड़ा में घोड़े से चलने वाली ट्रेन की शुरूआत की गई थी, लेकिन बाद में रेलगाड़ियों में बिजली, डीजल, इलेक्ट्रिक आदि के उपयोग से उनकी गति तेज हो गई. भारतीय रेलवे के पास 1.5 लाख अपने कर्मचारी हैं. भारतीय रेलवे में सबसे लंबी रेल गाड़ी कन्टेनर रेल कार है जो 1.5 किलोमीटर लंबी होती है. भारतीय रेलवे के पास दुनिया का सबसे बड़ा मरीन एंजिन है जो 6000 होर्सपावर की शक्ति तक उत्पन्न कर सकता है.
ये है सबसे लंबा रूट
भारतीय रेलवे द्वारा संचालित होने वाली भारतीय रेलगाड़ियों का समूह एक देश से भी बड़ा है. यह हर दिन लगभग 23 मिलियन यात्रियों को अपने साथ सफर कराता है. भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेनों में से एक ट्रेन डिब्रूगढ़-कन्याकुमारी विवेक एक्सप्रेस है जो 74 घंटे 35 मिनट में ट्रेन 4,218.6 किलोमीटर की दूरी तय करती है और भारत के आठ राज्यों से गुजरती है. यह ट्रेन वर्तमान में दूरी और समय दोनों के हिसाब से भारत का सबसे लंबा ट्रेन रूट है, साथ ही दुनिया की 24वीं सबसे लंबी ट्रेन सेवा है. ट्रेन के पूरे रूट में 58 स्टॉप हैं.
एयरलाइन से भी महंगे हैं राजधानी-शताब्दी के टिकट
भारतीय रेलवे द्वारा संचालित होने वाली राजधानी एवं शताब्दी एक्सप्रेस के लिए दरों की तुलना में एयरलाइन टिकट सस्ते होते हैं. भारतीय रेलवे द्वारा चलाए जाने वाली साउथ स्पेशल ट्रेन में प्रति दिन लगभग 700 लाख रुपये का बिजली खपत होती है. भारतीय रेलवे के पास दुनिया का सबसे बड़ा ब्रेक डाउन क्रेन है जो वजन 140 टन का होता है. यह क्रेन दुनिया के किसी भी स्थान पर अपने आप को स्थापित कर सकता है और रेलगाड़ियों को उठाने में सक्षम है.
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