Temple in Uttrakhand: दुनिया भर में ऐसी कई जगहें मौजूद हैं जो वैज्ञानिकों की समझ से परे हैं. यहां प्रकृति स्वयं अपने नियम बदल देती है. ऐसी जगह इंसानों के दिमाग में भ्रम पैदा करते हैं. इसके साथ ही रिसर्चर्स के मन में क्यूरियोसिटी भी जगाते हैं. ऐसी ही एक जगह उत्तराखंड (Uttarakhand) में है, जिसके बारे में जानने के लिए नासा भी बहुत उत्सुक है. उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में कसार देवी शक्तिपीठ (Kasar Devi Shaktipeeth) स्थित है जो बेहद रहस्यमयी है.


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इस मंदिर के आसपास असीम ऊर्जा का आभास होता है. यह मंदिर जिस जगह पर है वहां का नजारा भी बेहद खूबसूरत है. आपको बता दें कि कसार देवी के आसपास का इलाका वन एलेन बेल्ट में आता है, यहां पर धरती के बेहद विशाल चुंबकीय पिंड मौजूद हैं. अल्मोड़ा (Almora) के इस मंदिर, पेरू के माचू-पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग में कई अनोखी समानताएं देखने को मिलती हैं. इन तीनों जगहों पर विशाल चुंबकीय क्षेत्र मौजूद हैं.


इन जगहों पर लंबे समय से शोध किया जा रहा है, पिछले 2 सालों से वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि इन जगहों का निर्माण कैसे हुआ है. आपको जानकर हैरानी होगी कि स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) यहां साधना करने के लिए आ चुके हैं. साल 1890 के दौरान स्वामी विवेकानंद ने यहां कुछ महीने बिताए थे. यहां जो भी सैलानी आते हैं उन्हें असीम शांति का अनुभव मिलता है. यहां पर घूमने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं.


कसार देवी शक्तिपीठ के क्षेत्र में कई साधु - संत भी ध्यान लगाने के लिए आते हैं. यह मंदिर अल्मोड़ा से 10 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा बिंसर मार्ग पर स्थित है, जहां पाषाण युग के भी कई साक्ष्य मिलते हैं. इस मंदिर के आसपास भू चुंबकीय ऊर्जा (Geomagnetic Energy) सबसे ज्यादा महसूस होती है.


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