Lok Sabha Chunaav 2024: तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव आम तौर पर द्रमुक (उगता सूरज) और अन्नाद्रमुक (दो पत्तियां) जैसी बड़ी पार्टियों के इर्द-गिर्द घूमते हैं, लेकिन इस बार कुछ बड़े नेता अपनी पार्टी बनाए बिना चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए इस बार चुनाव में कई सारे चुनाव चिन्ह अहम भूमिका निभाएंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम रामनाथपुरम सीट से और एमडीएमके के दुरई वाइको त्रिची सीट से अपनी पार्टी बनाए बिना, यानी निर्दलीय चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं. इसी तरह नाम थामिजलर काची (एनटीके), जो गन्ना का किसान को अपने चुनाव चिह्न के रूप में पाने में विफल रही, अब तमिलनाडु के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में माइक्रोफोन चुनाव चिह्न के साथ चुनाव लड़ रही है.


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चुनाव चिन्ह को लेकर मचा है कोहराम


नाम थामिलर पार्टी के संयोजक सीमान का कहना है कि माइक्रोफोन चुनाव चिन्ह उन्हें आशा देता है. एनटीके राज्य में प्रमुख गठबंधनों के बाहर चुनाव लड़ रही है. एनटीके नेता सीमान ने कहा, "हमें भले ही हमारा गन्ना का किसान वाला चुनाव चिन्ह न मिला हो, लेकिन हम माइक के चिन्ह के साथ उम्मीद के साथ चुनाव लड़ रहे हैं. कई क्रांतिकारियों ने अपने नारे लगाने के लिए इस चीज़ का इस्तेमाल किया था." टीटीवी धिनकरण की अममक पार्टी प्रेशर कुकर के चिन्ह पर चुनाव लड़ेगी. प्रेशर कुकर वह लकी चिन्ह है जिस पर उन्होंने पूर्व तमिलनाडु सीएम जयललिता के निधन के बाद हुए राजनीतिक नाटक के बीच आरके नगर उपचुनाव जीता था.


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अपनी पार्टी को ऊंचा दिखाने के लिए लगी हैं पार्टियां


यह चुनाव उम्मीदवारों के लिए एक अनजान चिन्ह के दम पर खुद को साबित करने जैसा है. ओ. पन्नीरसेल्वम, जिन्हें AIADMK से निकाल दिया गया था, वो रामनाथपुरम निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल करने के लिए यह साबित करना चाहते हैं कि उनके पास अभी भी AIADMK कार्यकर्ताओं का समर्थन है. DMK प्रवक्ता सरवनन ने कहा कि चुनाव चिन्ह मतदाताओं के लिए पार्टी को पहचानने का एक तरीका है, ये उनकी सोच से भी जुड़ता है. उदाहरण के लिए, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की तरह हमारे पास उगता सूरज है. ये इस बात का प्रतीक है कि सूरज अज्ञान और दमन के अंधेरे को दूर भगाएगा. हर पार्टी ऐसा ही चुनाव चिन्ह मांगती है, जो उनकी विचारधारा को दर्शाए, पार्टी के मूल सिद्धांतों को बताए. इसीलिए चुनाव चिन्ह बहुत महत्वपूर्ण होते हैं.