मथुरा के कण-कण में जादू है. यहां चमत्कारिक मंदिर तो हैं ही, लेकिन आज भी यहां कई ऐसी घटनाएं होती हैं जो यहां के महत्व को बताती हैं. इन दिनों चर्चा यहां के एक बंदर की है, जो रोजाना यहां यमुना किनारे आता है. 


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ब्रज के लोग मथुरा में यमुना किनारे श्याम घाट पर ब्रज के राजा दाऊजी महाराज को प्रतिदिन भांग चढ़ाते हैं. एक बंदर भी रोजाना दोपहर बाद तीन बजे यहां आता है और भांग पीकर चला जाता है. लोग इस बंदर को चीकू के नाम से पुकारते हैं. 


इस बारे में ब्रज निवासी भूपेंद्र चतुर्वेदी ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि यह बंदर करीब चार-पांच साल से रोजाना यहां आ रहा है. यह रोजाना तय समय पर आता है और भांग के इंतजार में बैठा रहता है. उन्होंने बताया कि यह बंदर रोज करीब एक लोटा भांग का घोल पीता है. 


भूपेंद्र ने बताया कि चार साल पहले लोग यहां बंदरों को मार रहे थे. सभी बंदरों को मार द‍िया गया. यह अकेला बंदर बचा, जो घायल अवस्था में पड़ा था. फिर हमने इसका इलाज किया और इसे बचाया. फिर इस बंदर को यहां के लोगों से प्यार हो गया और यहा यहां आने लगा. हम लोगों ने इसे खाना भी खिलाना शुरू कर दिया. 


उन्होंने बताया कि हम लोग रोजाना भगवान ठाकुर को बिजिया (भांग) चढ़ाते हैं. एक द‍िन उस अवसर पर यह बंदर भी पहुंच गया. हम लोगों ने उसे भांग दे दी, तो वो पी गया. तब से वह रोजाना यहां आता है और करीब एक लोटा भांग पीकर चला जाता है. भांग की ठंडाई बनाने के लिए काजू और अन्य सूखे मेवों को पीसकर उसमें मिलाया जाता है. 


(आईएएनएस के इनपुट के साथ)