Ola CEO Bhavish Aggarwal: ओला के CEO भाविश अग्रवाल ने हाल ही में पारंपरिक भारतीय कपड़ों खासकर कुर्ते के लिए अपने प्यार का इजहार किया और युवा भारतीय पुरुषों से इस पोशाक को अपनाने का आग्रह किया. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने सिलाई के लिहाज से बनाए गए कपड़ों की खूबसूरती के बारे में बताया और यह भी बताया कि कैसे चुनाव सांस्कृतिक भव्यता और आरामदायक फैशन शैली को दर्शाता है. गौरतलब है कि कुर्ता एक ढीली कॉलर वाली शर्ट की तरह होती है, जिसे साउथ एशिया के कई क्षेत्रों में पहना जाता है, और अब दुनिया भर में भी पहना जाता है.


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ओला के CEO भाविश अग्रवाल का कहना है कि वो खुद ज्यादातर सार्वजनिक कार्यक्रमों में कुर्ता पहनते हैं. उनका मानना है कि ये भारतीय CEO की एक अलग छवि पेश करता है. वो कहते हैं कि कुर्ता पहनने से आत्मविश्वास बढ़ता है और ये भारतीय परंपरा के अनुसार भी फैशन का एक शानदार तरीका है. उनकी राय में कुर्ता बहुत ही सुंदर पोशाक है और सभी भारतीय CEO, खासकर युवा टेक लीडर्स को कुर्ता पहनना चाहिए.


 



 


पॉडकास्ट में भाविश अग्रवाल ने बताया कि बड़े-बड़े लोगों के कपड़ों का चुनाव भी फैशन ट्रेंड सेट करता है. उदाहरण के लिए उन्होंने बताया कि एप्पल के पूर्व CEO स्टीव जॉब्स हमेशा टर्टलनेक पहनते थे और अब एनवीडिया के प्रेसिडेंट जेन्सन हुआंग हर कार्यक्रम में लेदर जैकेट पहनते हैं. भाविश अग्रवाल ने आगे कहा कि वही लेदर जैकेट, ब्लैक जींस, ब्लैक शर्ट और ब्लैक लेदर जैकेट. भारत में, हमारे स्टार्टअप्स के माहौल में, हम अक्सर पश्चिमी देशों की नकल करने लगते हैं. इसीलिए लोग कभी-कभी वही करने की कोशिश करते हैं. मैंने कहा कि चलो अपने भारतीय कपड़ों को आजमाएं. कुर्ता पहना बहुत अच्छा लगता है. गर्मियों के लिए भी कुर्ता बहुत अच्छा कपड़ा है.


भाविश अग्रवाल ये भी बताते हैं कि वो पारंपरिक भारतीय कपड़ों और पश्चिमी कपड़ों को मिलाकर पहनना पसंद करते हैं ताकि युवा पीढ़ी को ये पसंद आए. जब उनसे विदेश और भारत में बड़े टेक इवेंट्स के लिए उनके पहनावे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मुझे दोनों तरह के कपड़े पहनना अच्छा लगता है. कभी-कभी मैं जींस के साथ 'बंडी' या भारतीय जैकेट पहनता हूं. मैं ये नहीं चाहता कि मैं उन 70 साल के लोगों जैसा पुराना दिखूं."


CEO आगे ये भी कहते हैं कि शायद भारत के युवा अपनी संस्कृति को फैशनेबल नहीं मानते. उनका मानना है कि हमें अपने पुराने फैशन को नया रूप देकर युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ना चाहिए.