ये है 300 लोगों को मौत के घाट उतारने वाला खूंखार मगरमच्छ, कहलाता है `सीरियल किलर`
The Nile Crocodile: एक विशालकाय आदमखोर मगरमच्छ, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने 300 लोगों को मार डाला. ऐसा नहीं है कि उसे शिकारियों ने पकड़ने का प्रयास नहीं किया, उनके प्रयासों के बावजूद भी वह खूंखार मगरमच्छ वर्षों तक बचा रहा. बीस फीट लंबे मगरमच्छ को गुस्ताव (Gustave) उपनाम दिया गया है. पूर्वी अफ्रीका के बुरुंडी स्थित तांगानिका झील के पास बस्तियों में स्थानीय लोगों के लिए आतंक बना हुआ है.
100 साल से अधिक पुराना है मगरमच्छ
बुरुंडी के लोग इस मगरमच्छ से खौफ खाते हैं. वह स्थानीय लोककथाओं का हिस्सा बन गया है. हालांकि, इसकी जानकारी नहीं है कि इसकी क्या आयु है लेकिन विशेषज्ञों का अनुमान है कि 100 साल से अधिक पुराना है. यह मगरमच्छ अभी भी जीवित है और नए शिकार की तलाश में है, कोई सबूत नहीं है कि वह मर चुका है.
करीब 18 फीट लंबा, एक टन वजनी है गुस्ताव
जबकि कई लोगों ने विशाल मगरमच्छ को मारने का प्रयास किया है, लेकिन कोई भी सफल नहीं हुआ. कुछ लोग इस दावे पर विवाद करते हैं कि गुस्ताव एक सदी से अधिक पुराना है. लोग यह तर्क देते हैं कि उसके दांत अभी भी बरकरार है जिससे उसकी आयु 60 के करीब होने की संभावना है. चूंकि गुस्ताव को पकड़ा नहीं गया है, उसकी लंबाई और वजन अज्ञात है, लेकिन 2002 में यह कहा गया था कि वह 18 फीट (5.5 मीटर) से अधिक लंबा हो सकता है, और उसका वजन 2,000 पाउंड (910 किलोग्राम) से अधिक हो सकता है. नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, लोगों पर उसके हमले सन् 1987 तक दर्ज किए गए हैं.
लोगों ने मगरमच्छ को घोषित किया था सीरियल किलर
उसने कई आदिवासियों पर हमला किया, यहां तक कि उसे एक सीरियल किलर तक घोषित किया गया. हालांकि, कुछ का मानना है कि सभी की मौत के पीछे सिर्फ एक वही मगरमच्छ नहीं है. प्रत्यक्षदर्शी कहते हैं कि विभिन्न हत्याओं के पीछे अक्सर वही जानवर होता है. उसके सिर के ऊपर एक ही निशान है जिसे सभी याद करते हैं. गुस्ताव को रोकने के कई असफल प्रयासों में से एक को गोली का घाव माना जाता है.
साल 2004 की एक डॉक्यूमेंट्री में लाइव पकड़ने का प्रयास
कैप्चरिंग द किलर क्रोक (Capturing the Killer Croc) नामक 2004 की एक डॉक्यूमेंट्री ने खूंखार मगरमच्छ को पकड़ने का प्रयास किया. यह एक बचाव मिशन के रूप में वर्णित है, जिसका उद्देश्य इस विशाल शिकारी को पकड़ना और उसे फिर से किसी को मारने से पहले उसे सुरक्षित पानी में रीलोकेट करना था. हालांकि, ऐसा करने के बार-बार प्रयास का कोई फायदा नहीं हुआ.
दो प्रयासों के बाद भी विफल हुए थे टीम के लोग
टीम ने लाइव चारा और एक इन्फ्रारेड कैमरे का उपयोग करके मगरमच्छ को एक बड़े जाल में फंसाने का प्रयास किया और उसकी गतिविधियों को देखा. सबसे पहले, उन्होंने एक जीवित मुर्गे का इस्तेमाल किया, उसे पिंजरे के अंदर लटका दिया. बाद में उन्होंने इसके बदले जिंदा बकरी का यूज किया क्योंकि मुर्गी वाला प्रयास विफल रहा. हालांकि, इसके बावजूद भी वे सफल नहीं हो पाए.
आज भी पानी के नीचे दुबका है मगरमच्छ
कुछ ने दावा किया है कि वह 2019 में मारा गया था, लेकिन इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं होने के कारण, यह डर बना हुआ है कि गुस्ताव आज भी पानी के नीचे दुबका हुआ है.