North Korea Rules: इस देश में सभी के लिए रोना है जरूरी, वरना मिलती है मौत

उत्तर कोरिया (North Korea) की जनता को चिल्ला-चिल्लाकर रोने की प्रैक्टिस कराई जाती है. यहां की शाही शोक सभाओं में जनता को किम परिवार (Kim Family) के प्रति वफादारी दिखाने के लिए रोना पड़ता है. वहीं, जो शख्स ठीक से नहीं रोता है, उसे सजा दी जाती है.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Mon, 07 Dec 2020-1:39 pm,
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किम जोंग उन ने 2011 में संभाली सत्ता

किम जोंग उन ने साल 2011 में अपने पिता किम जोंग इल की मौत के बाद उत्तर कोरिया (North Korea) की सत्ता संभाली. किम जोंग के दादा किम-II सुंग को उत्तर कोरिया का संस्थापक और पहला नेता माना जाता है. उत्तर कोरिया के हर घर में किम जोंग उन के पिता और उनके दादा की तस्वीर लगाने का कानून है.

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जनता को रोने का आदेश

किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल और उनके दादा किम-II सुंग की हर साल शोक सभा रखी जाती है. इस शोक सभा में उत्तर कोरिया की जनता को तेज-तेज, चिल्ला-चिल्लाकर और छाती पीटकर रोना होता है. यह किम परिवार के प्रति उनकी वफादारी का सबूत होता है. बच्चे, बुजुर्ग, जवान और महिलाओं, सभी के लिए रोने के आदेश का पालन करना अनिवार्य होता है.

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सही से नहीं रोने पर मिलती है सजा

एक बार किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल की शोक सभा में कुछ लोग ठीक से नहीं रो पाए. इसके बाद उन लोगों को 6 महीने कैद की सजा सुनाई गई थी और हजारों लोगों को घरों से उठाकर गायब कर दिया गया. आज भी शाही शोक सभाओं में जनता को चिल्ला-चिल्लाकर रोना पड़ता है.

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