Female Teacher In School: स्कूल में पुरुष व महिला टीचर अपने सहूलियत के हिसाब से कपड़े पहनकर आते हैं. हालांकि, कुछ स्कूलों में टीचर्स के लिए ड्रेस कोड होते हैं. तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. सरकारी स्कूलों के टीचर्स ने शिकायत की है कि जिला स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी उन्हें स्कूल में चूड़ीदार सलवार-कमीज पहनने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जबकि सरकारी आदेश उन्हें इसे पहनने की अनुमति देता है. उनका आरोप है कि शैक्षिक अधिकारी सरकारी आदेश 67 से अनजान हैं जो कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा 2019 में जारी किया गया था.


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स्कूल में टीचर ने पहना सलवार-कमीज तो


टीचर्स ने अधिकारियों से आदेश के बारे में शिक्षित करने के लिए मुख्य शैक्षिक अधिकारियों को एक सर्कुलर भेजने के लिए रिक्वेस्ट किया है. सरकारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को साफ सुथरी औपचारिक पोशाक पहननी होगी जो कार्यस्थल की स्थिति के लिए उपयुक्त हो. इसके अलावा, इसमें लिखा है, "ड्यूटी के दौरान कार्यालय की गरिमा बनाए रखने के लिए, जैसे महिला सरकारी कर्मचारियों के मामले में साड़ी या सलवार कमीज या दुपट्टे के साथ चूड़ीदार और, पुरुष सरकारी सेवकों के मामले में औपचारिक पैंट के साथ शर्ट या तमिल को प्रतिबिंबित करने वाली वेस्टी (धोती) या किसी भारतीय परंपरा की पोशाक पहनने चाहिए."


प्रिंसिपल ने पहनने के किया इनकार


जब टीएनआईई ने जिला शिक्षा अधिकारियों से जीओ के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. कोयंबटूर में एक शिक्षिका ने टीएनआईई को बताया, “जब मैं पिछले साल साड़ी में कक्षा संभाल रही थी तो दसवीं कक्षा के कुछ छात्रों ने भद्दी टिप्पणियां कीं और मुझे अपनी साड़ी को और अधिक सही करने के लिए मजबूर किया गया. मैंने छात्रों को चेतावनी दी, लेकिन उन्होंने अपना तरीका नहीं बदला.” उन्होंने कहा, “ऐसे मुद्दों से बचने के लिए, मैं स्कूल में चूड़ीदार पहनती थी और सहज महसूस करती थी. लेकिन प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों ने मुझे अलग तरह से देखा."


फिर टीचर ने प्रिसिंपल को दिखाया आदेश


महिला टीचर ने कहा, "प्रधानाध्यापक ने मुझे चूड़ीदार पहनकर स्कूल न आने की चेतावनी दी क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से चूड़ीदार पहनने का कोई आदेश नहीं था. यह जी.ओ. 67 के बारे में उनकी जागरूकता की कमी को दर्शाता है. जब मैंने आदेश दिखाया, तब भी उन्होंने यह कहते हुए इसे स्वीकार नहीं किया कि यह स्कूलों पर लागू नहीं होता है. उनके साथ लगातार विवादों के कारण, मैंने फिर से साड़ी पहनकर स्कूल आना शुरू कर दिया है और उसी समस्या का सामना करना पड़ता है."