Jugadu Kamlesh New Innovation: शार्क टैंक इंडिया के पहले सीजन में नजर आए कमलेश नानासाहेब घुमारे (Kamlesh Nanasaheb Ghumare) यानी जुगाड़ू कमलेश (Jugadu Kamlesh) ने अब किसानों के लिए एक नई मशीन बनाई है. नई मशीन का वीडियो पीयूष बंसल ने शेयर किया है. बता दें कि शो के पहले सीजन में जुगाड़ू कमलेश ने कीटनाशक का छिड़काव करने वाली अपनी साइकिल पेश किया था, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया था और लेंसकार्ट के सह-संस्थापक पीयूष बंसल (Peyush Bansal) ने 30 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया था.


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जुगाड़ू कमलेश ने बनाई किसानों के लिए नई मशीन


जुगाड़ू कमलेश (Jugadu Kamlesh) उर्फ कमलेश नानासाहेब घुमारे (Kamlesh Nanasaheb Ghumare) ने अब कीटनाशक छिड़कने वाली नई मशीन बनाई है, जो पहले का काफी बेहतर, हल्की और ज्यादा फीचर वाली है. जुगाड़ू कमलेश ने नई मशीन को भारत के-2 केजी एग्रोटेक नाम दिया है. कमलेश ने बताया कि पहली मशीन बनाने के बाद उन्हें कई मैसेज आए थे, जिसको ध्यान में रखकर उन्होंने नई मशीन तैयार की है.


पीयूष बंसल ने शेयर किया वीडियो


पीयूष बंसल (Peyush Bansal) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर जुगाड़ू कमलेश (Jugadu Kamlesh) का वीडियो शेयर कियाहै, जिसमें वो अपनी नई मशीन के साथ नजर आ रहे हैं. पीयूष बंसल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'हर किसी को उतना विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है, जितना हममें से कुछ लोगों को हैं, लेकिन उनमें क्षमता है. और कभी-कभी उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए बस एक छोटे से प्रयास की आवश्यकता होती है.'



कितनी अलग है जुगाड़ू कमलेश की नई मशीन?


जुगाड़ू कमलेश (Jugadu Kamlesh) ने बताया कीटनाशन का छीड़काव करने वाली पुरानी मशीन काफी भारी थी और ज्यादा जगह लेती थी. नई मशीन हल्की है और एक इंसान चलने के लिए जितनी जगह लेता है, यह उतनी ही जगह लेगी. उन्होंने बताया कि नई मशीन की खासियत है कि ये हर तरह के फसल के लिए कारगर है. चाहे वो गन्ने का खेत हो या किसी छोटे फसल में कीटनाशक छिड़कना हो, इससे सब संभव है. मशीन में लगे टायर्स फसल को नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं और इसके इस्तेमाल से किसान को चार गुना ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि इससे एक दिन का काम सिर्फ एक घंटे में हो जाएगा.


कितनी है जुगाड़ू कमलेश की मशीन की कीमत?


कमलेश नानासाहेब घुमारे (Kamlesh Nanasaheb Ghumare) यानी जुगाड़ू कमलेश (Jugadu Kamlesh) ने बताया कि फिलहाल इस मशीन की कीमत 25 हजार रुपये है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि प्रोडक्शन कॉस्ट कम होने के बाद इसकी कीमत 15 हजार रुपये तक आ सकती है. जुगाड़ू कमलेश ने बताया कि शुरुआत में वो किसानों को 2000 मशीनें बेचेंगे और उनका फीडबैक लेकर मशीन में सुधार करेंगे.


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