Zscaler CEO Jay Chaudhry Life: किसी भी उद्यमी का जीवन एक रेल की सवारी की तरह होता है, जिसमें बहुत खुशियां भी होती है और कई बार परेशानियां भी आती हैं. कई असफलताओं और परेशानियों का सामना करने के बावजूद वे अपने संघर्षों से लड़ते रहते हैं और अपने सपनों को हासिल करते हैं. जय चौधरी ऐसे ही एक उद्यमी हैं जिन्होंने तमाम मुश्किलों से लड़कर सफलता हासिल की. गांव में छोटे किसानों के परिवार में पले-बढ़े जय चौधरी का एक बड़ी कंपनी शुरू करने तक का सफर वाकई अद्भुत है. Zscaler नाम की साइबर सिक्योरिटी कंपनी के मालिक और संस्थापक जय चौधरी ने कभी नहीं सोचा था कि वो खुद का बिजनेस चलाएंगे, ढेर सारा पैसा कमाएंगे.


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अमेरिका में पढ़ाई के वक्त भी नहीं सोचा था कि बिजनेस करूंगा


हाल ही में सीएनबीसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि 1980 में अमेरिका में पढ़ाई के लिए आने पर या फिर बड़ी टेक्नॉलजी कंपनियों IBM और Unisys में काम करने के दौरान भी उनका अपना बिजनेस शुरू करने का कोई ख्याल नहीं था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 65 साल के उद्यमी जय चौधरी ने कहा, "मेरे परिवार में छोटे किसान थे और बिजनेसमैन बनने को लेकर सोचना नामुमकिन जैसा था, क्योंकि हमारा कोई बैकग्राउंड नहीं था. तो, अगर आप मुझसे पूछते हैं कि क्या मैंने कभी बचपन में अपने करियर के शुरुआती सालों में उद्यमी बनने के बारे में सोचा था?' मेरा जवाब होगा- नहीं."


जय चौधरी Zscaler के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. उन्होंने बताया कि 1996 में सिलिकॉन वैली में डॉट-कॉम बूम के दौरान नेटस्केप जैसी टेक स्टार्टअप्स की जबरदस्त सफलता ने उन्हें अट्रैक्ट कर दिया और उनकी उद्यमशीलता की महत्वाकांक्षाओं को जगा दिया. उन्होंने सोचा कि अगर नेटस्केप के सह-संस्थापक मार्क आंद्रेसेन कॉलेज से निकलने के बाद ही कम उम्र में कंपनी शुरू कर सकते हैं, तो उन्हें भी ऐसा ही क्यों नहीं करना चाहिए.


लाइफ पार्टनर ने दिया साथ और बढ़ गया आगे


इसके बाद, उन्होंने अटलांटा स्थित IQ सॉफ्टवेयर में अपने कार्यकारी पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी पत्नी ज्योति ने इस फैसले में उनका साथ दिया. बेलसाउथ में एक सिस्टम्स एनालिस्ट के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी. दोनों ने मिलकर 1997 में सिक्योरआईटी नाम से एक साइबर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर स्टार्टअप स्थापित करने के लिए अपनी जीवन भर की बचत लगभग $500,000 (लगभग 4 करोड़ रुपये) का निवेश किया. पुरानी यादों को ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय शायद 5% से भी कम फॉर्च्यून 500 कंपनियों में फायरवॉल थे. 18 महीनों के भीतर उनकी कंपनी ने लगभग 50% फॉर्च्यून 500 कंपनियों में फायरवॉल तैनात कर दिए थे.


1998 में, उन्होंने अपने स्टार्टअप को VeriSign को पूरी तरह से शेयरों में लगभग 70 मिलियन डॉलर के सौदे में बेच दिया. इसके बाद, अगले दशक में कपल ने दो और साइबर सिक्योरिटी कंपनियां और एक ई-कॉमर्स बिजनेस शुरू किया, जिन सबको बाद में बड़ी कंपनियों ने खरीद लिया गया. उनकी रणनीति कामयाब रही, और 2007 तक वे सफल उद्यमी बन चुके थे. बाद में जय ने एक बड़ी कंपनी खोलने का फैसला किया, और उन्होंने पूरा ध्यान लगाकर Zscaler की स्थापना की. पुराने फायरवॉल को छोड़कर क्लाउड की तरफ कंपनियों को ले जाने के लक्ष्य के साथ कपल ने अपने 50 मिलियन डॉलर लगाए.


आज, Zscaler की बाजार पूंजीकरण करीब 30 बिलियन डॉलर है और सालाना कमाई 1.6 बिलियन डॉलर है. फोर्ब्स के अनुसार, जय चौधरी की संपत्ति 11.6 बिलियन डॉलर (96,000 करोड़ रुपये से अधिक) है, जो काफी प्रभावशाली है.