साइकिल से 1400KM साइकिल चलाकर आए 10 कर्मचारी, अयोध्या में रामलला के किए दर्शन तो लोग बोले- जय श्री राम
Surat Jwellery Worker Visit Ramlala: गुजरात के सूरत शहर के ज्वेलरी कारोबारी घनश्याम जे हीरपरा और उनके भाई रणछोर जे हीरपरा ने अपने 10 कर्मचारियों के साथ एक अद्भुत साइकिल यात्रा शुरू की, जो उन्हें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन कराए.
Surat To Ayodhya With Bicycle: गुजरात के सूरत शहर के ज्वेलरी कारोबारी घनश्याम जे हीरपरा और उनके भाई रणछोर जे हीरपरा ने अपने 10 कर्मचारियों के साथ एक अद्भुत साइकिल यात्रा शुरू की, जो उन्हें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन कराए. इस यात्रा में शामिल टीम ने कठिन मार्गों पर लगभग दो सप्ताह तक साइकिल चलाकर, भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों का दौरा किया और अब काशी की ओर बढ़ चुके हैं, जहां वे बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे.
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यात्रा की शुरुआत और मार्ग
31 अक्टूबर को सूरत से इस साहसिक यात्रा की शुरुआत हुई. यात्रा में शामिल 11 सदस्य प्रतिदिन 120 से 170 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए धार्मिक स्थलों का दर्शन करते रहे. सूरत के पांच युवक, राजस्थान के उदयपुर से एक, उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों – जौनपुर, प्रयागराज, मऊ और बलिया से एक-एक युवक इस यात्रा में शामिल हुए. यह यात्रा एक चुनौतीपूर्ण अनुभव था, क्योंकि इन युवाओं को कई किलोमीटर तक लगातार साइकिल चलानी पड़ी. यात्रा के दौरान एक ऑटो और दोपहिया वाहन भी उनके साथ था, जिसमें उनके भोजन और अन्य आवश्यकताओं की व्यवस्था की जाती थी.
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धार्मिक स्थलों का दर्शन
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन करना था, लेकिन रास्ते में मथुरा और अयोध्या जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थानों से होकर गुजरते हुए, टीम ने भारतीय धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को करीब से महसूस किया. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचने के बाद इस टीम ने रामलला के दर्शन कर अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण यात्रा को सफल माना. इस यात्रा के दौरान उन्होंने देश की समृद्ध धार्मिक विरासत और सांस्कृतिक धरोहर को अपनाया और अपनी भक्ति के माध्यम से उसे सम्मानित किया.
रास्ते में कई स्थानों पर लोगों ने उनका स्वागत किया और उनकी भक्ति और अनुशासन की सराहना की. अयोध्या के दर्शन के बाद, अब यह यात्रा काशी की ओर बढ़ चुकी है. काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद इस यात्रा का समापन होगा.