Uber Driver Emotional Story: उबर ड्राइवर की एक कहानी लोगों का दिल जीत रही है. एक शख्स ने उसकी मदद की और जब इस घटना के बारे में उसने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो वायरल हो गया. किरण वर्मा 'सिंपली ब्लड' नाम की संस्था के संस्थापक हैं और उन्होंने दिल छू लेने वाली घटना शेयर की. किरण ने एक उबर ड्राइवर से अपनी मुलाकात का वाकया बताया. उन्होंने कहा कि ड्राइवर को घर से फोन आ रहे थे, लेकिन वह बार-बार उन्हें नजरअंदाज कर रहा था. किरण ने आगे लिखा कि मैंने आज एक Uber कैब बुक की थी. ड्राइवर साहब मुझे लेने आए और चल पड़े. रास्ते में उनके फोन पर कई बार कॉल आया और उन्होंने 2-3 बार फोन को काट दिया."


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ड्राइवर की बेटी के लिए सवारी ने खरीदा बैग


आगे किरण ने बताया, "मैंने उनसे कहा कि फोन उठा लें. उन्होंने फोन उठाया और सामने से आवाज साफ सुनाई दे रही थी. वह उनकी बेटी थी और वह स्कूल बैग के बारे में पूछ रही थी. ड्राइवर ने पहले तो फोन को नजरअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी बेटी से कहा कि फोन उनकी पत्नी को दे दो. उन्होंने फोन पर बात करते हुए कहा कि मैं थोड़ा पैसा बचाने की कोशिश कर रहा हूं, पर अभी अगले 2-3 दिनों में तो नया बैग नहीं ले पाऊंगा. अभी मैंने उनकी किताबें खरीदी हैं और महीने का खर्चा भी निकालना है."


 



पूरा किस्सा फेसबुक पर लिखा


यह सुनकर किरण वर्मा को उस पिता की मजबूरी समझ में आ गई और उन्होंने उनकी मदद करने का फैसला किया. उन्होंने उन्हें जहां जाना था, वहां ले जाने के प्लान में थोड़ा बदलाव किया. मंजिल पर पहुंचने के बाद उन्होंने ड्राइवर से उनके साथ आने के लिए कहा. वो ड्राइवर को एक दुकान पर ले गए और उनकी बेटी के लिए एक नया स्कूल बैग खरीद लिया. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के अकाउंट से पेमेंट किया क्योंकि उनके खुद के अकाउंट में पैसे कम थे.


फेसबुक पर उन्होंने लिखा, "जब वो अपनी पत्नी से फोन पर बात कर रहे थे, मैंने उन्हें जहां जाना था, वहां ले जाने की जगह बदल दी. जैसे ही हम पहुंचे मैंने ड्राइवर से मेरे साथ चलने के लिए कहा, क्योंकि जो चीज मैं खरीदने जा रहा था वो काफी भारी थी. ये ड्राइवर बहुत अच्छे इंसान थे और उन्होंने बिना कुछ पूछे मेरा साथ दिया. मैं उन्हें एक बैग की दुकान पर ले गया और एक स्कूल बैग खरीदा. मैंने पेमेंट अपनी पत्नी के अकाउंट से किया क्योंकि मेरे अकाउंट में पर्याप्त पैसे नहीं थे."