Uber Vehicles Poor Condition: एक शख्स ने भारत में राइड-हेलिंग ऐप उबर पर गाड़ियों की खराब स्थिति को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी नाराजगी जाहिर की. रोहित अरोड़ा नामक इस यूजर ने उबर के जरिए बुक की गई एक गाड़ी की तस्वीर शेयर की, जो धूल और गंदगी से भरी हुई थी. तस्वीर में गाड़ी की हालत ऐसी थी कि वह सीधे "जंकयार्ड" से आई हुई लग रही थी.


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उबर के मानकों पर उठाए सवाल


रोहित अरोड़ा ने गाड़ी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "उबर का भारत में कोई मानक नहीं है. यह गाड़ी सीधे जंकयार्ड से आई हुई लगती है." उन्होंने आगे कहा कि वह "मर्सिडीज और इंफोटेनमेंट सिस्टम" की मांग नहीं कर रहे थे, बल्कि बस बुनियादी सफाई और स्वच्छता की उम्मीद कर रहे थे. इसके साथ ही उन्होंने उबर इंडिया के आधिकारिक अकाउंट और उबर सपोर्ट को टैग भी किया.


 



 


गाड़ी की सफाई पर ध्यान देने की अपील


अरोड़ा ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि वह खुद एक कार के मालिक हैं, लेकिन कभी-कभी जल्दी में उबर प्रायोरिटी या प्रीमियर बुक करते हैं. गाड़ी की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, "यह भारत की समस्या हो सकती है, लेकिन उबर की जिम्मेदारी है कि वह अपनी गाड़ियों का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि वे किस प्रकार की गाड़ियां ग्राहकों को दे रहे हैं. यह दुनिया भर में आम समस्या नहीं है, सिर्फ भारत में है."


उन्होंने यह भी कहा, "मैंने मर्सिडीज या शानदार इंफोटेनमेंट सिस्टम की मांग नहीं की थी. मुझे तो सिर्फ सफाई और स्वच्छता चाहिए थी, जो पैसे का नहीं बल्कि थोड़ी सी कोशिश का मामला है."


उबर का जवाब और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया


रोहित अरोड़ा की पोस्ट के बाद उबर इंडिया सपोर्ट ने प्रतिक्रिया दी और मामले की जांच करने के लिए उनसे राइड की जानकारी मांगी. उबर ने कहा, "हम इसे जल्दी से जल्दी देखना चाहेंगे, कृपया अपनी रजिस्टर की हुई संपर्क जानकारी और यात्रा की तिथि और समय हमें डायरेक्ट मैसेज के जरिए भेजें, और हम जल्दी से जवाब देंगे."


इसके बाद, इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर काफी ध्यान आकर्षित किया. एक यूजर ने लिखा, "कुछ समय पहले ही मैंने उन्हें 5 स्टार देना बंद कर दिया था, अब मैं लगभग 3 स्टार देता हूं. जब उनकी रेटिंग गिरती है, तो वे बेहतर प्रयास करेंगे." एक अन्य यूजर ने कहा, "न सिर्फ गाड़ियों की स्थिति, बल्कि ड्राइवर का रवैया, सेवा और यात्रियों को उत्पीड़ित करना भी बड़ा मुद्दा है. मैंने दिल्ली के T3 टर्मिनल पर उबर पिकअप पॉइंट पर सबसे खराब अनुभव किया."


सामाजिक मीडिया पर और भी प्रतिक्रियाएं


एक तीसरे यूजर ने टिप्पणी की, "बिलकुल सही कहा आपने. ड्राइवर से पहले मुझे 'इंटरव्यू' देना पड़ता है: आप कहां जाना चाहते हैं? क्या आप कैश से भुगतान करेंगे? क्या आप ऑफलाइन जाएंगे? एसी नहीं चलाया जाएगा... और इसी तरह. एक बार तो मैंने बेंगलुरू में उबर बुक किया और उसमें सीट फोम भी नहीं था!"


एक अन्य यूजर ने बताया, "सर्विस, गाड़ियां और ड्राइवर पूरी तरह से गंदे होते हैं. मैंने एक शॉर्ट राइड के लिए प्रीमियम बुक किया और 100 रुपये अतिरिक्त दिए. लेकिन जो कार आई, वह 5 लाख किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी थी और इतनी गंदी थी कि सार्वजनिक बस भी बेहतर होती. मैंने 1 स्टार रेटिंग दी, जिसके बाद ड्राइवर ने मुझे धमकी भरे कॉल किए."