अस्पताल में दुल्हन के बेड को बनाया मंडप, दूल्हे ने आकर पहनाई वरमाला; जानें क्या थी वजह
Unique Wedding: शादी के ठीक तीन दिन पहले सड़क दुर्घटना में दुल्हन का हाथ और पैर फ्रैक्चर हो गया. शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थी, शादी टाली नहीं जा सकती थी, दुल्हन के पैर में प्लास्टर चढ़ा हुआ था.
Trending News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में महाशिवरात्रि के दिन एक अनोखा विवाह हुआ. इस विवाह ने न केवल समाज को संदेश दिया बल्कि विवाह के अटूट रिश्ते में पति-पत्नी के बीच भरोसे की नींव भी रख दी. यह विवाह एक अस्पताल में हुआ जिसमें मरीज बनी दुल्हन के पलंग पर ही मंडप सजाया गया. दोनों परिवारों के साथ अस्पताल का स्टाफ भी इस शादी समारोह में बाराती बना. दरअसल, शादी के ठीक तीन दिन पहले सड़क दुर्घटना में दुल्हन का हाथ और पैर फ्रैक्चर हो गया. शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थी, शादी टाली नहीं जा सकती थी, दुल्हन के पैर में प्लास्टर चढ़ा हुआ था. यही वजह रही कि अस्पताल में पलंग को ही मंडप बना दिया गया और यह शादी हो गई.
अस्पताल में बेड को बनाया मंडप
इस अनोखी शादी का गवाह अस्पताल का स्टाफ और दूल्हा दुल्हन का परिवार बना. उज्जैन के भेरूघाट में रहने वाले दूल्हे राजेंद्र चौधरी ने खंडवा के एक निजी अस्पताल में भर्ती अपनी दुल्हन शिवानी को वरमाला पहनाई. 16 फरवरी को राजेंद्र का विवाह जुलवानिया की शिवानी से तय हुआ था. दूल्हा-दुल्हन का परिवार और रिश्तेदार खंडवा जिले के भगवानपुरा के रहने वाले हैं. इसलिए दोनों की शादी खंडवा के पड़वा क्षेत्र धर्मशाला में हुई. 13 फरवरी को शिवानी को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. हादसा उस समय हुआ जब शिवानी अपने घर से दुकान पर कुछ सामान लेने जा रही थी.
दोनों परिवारों की सहमति से हुई अनोखी शादी
दूल्हा के परिजनों का कहना है कि आज के समय में बेटी और बहू एक समान है. यदि हमारी बेटी के साथ ऐसी घटना होती तब क्या होता. इसलिए हमने बहू को बेटी समझ कर शादी की और समाज को यह संदेश दिया. दोनों ही परिवारों की तरफ से शादी के पहले की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थी, इसलिए विवाह करना भी जरूरी था. दोनों ही परिवार वालों ने अस्पताल के संचालक डॉक्टर से बात की और अपनी समस्या बतायी. डॉक्टर भी तैयार हो गए और दुल्हन की बेहतर कंडीशन को देखते हुए 18 फरवरी शिवरात्रि के दिन विवाह का मुहूर्त निकाला गया.
दुल्हन की जेठानी ने शिवानी को लाल जोड़ा पहनाकर मेकअप किया, रिश्तेदारों ने अस्पताल के पलंग को ही मंडप का स्वरूप प्रदान किया और दोनों परिवार के रिश्तेदारों और अस्पताल स्टाफ की मौजूदगी में यह विवाह हो गया.
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