Vadodara News: शादी में सज-धज के तैयार होने के लिए कभी-कभी महिलाओं को आधा दिन से ज्यादा लग जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शादी से पहले वह अपने कपड़ों को किस तरह से तैयार करवाते हैं? शादी की तारीख से महीनों पहले से ही मन में ख्याल बनाने लगते हैं कि क्या पहनना है और कैसे पहनना है. कपड़े कहां से खरीदने हैं और फिटिंग किस दुकान से करवाना है. यही शादी की तारीख से पहले कपड़े की फिटिंग में कुछ गड़बड़ हो जाती है तो उसमें भी भाग-दौड़ लगानी पड़ती है. यह हर किसी को नहीं समझ आता, लेकिन महिलाओं को इसकी काफी अहमियत होती है. कुछ ऐसा ही गुजरात के वडोदरा में एक मामला आया है.


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बुटीक वाले ने नहीं सिले ठीक से कपड़े


एक महिला ने शादी से ठीक पहले बुटीक में जाकर अपने नए ब्लाउज के कपड़े को सिलने के लिए कहा, लेकिन जब वह फिट नहीं आए तो उसे ठीक करने को कहा.  इस पर दर्जी ने फिटिंग करने से मना कर दिया. इस बात से नाराज होकर महिला ने उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी. इस मामले में वडोदरा के उपभोक्ता आयोग ने कहा कि शादी के कपड़े अगर ठीक से ना फिट आएं तो ये खुशी के माहौल को खराब कर सकते हैं और उन्हें पहनने वाले व्यक्ति को परेशान कर सकते हैं. इसी वजह से आयोग ने एक बुटीक को एक महिला को हुई परेशानी के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया.


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आयोग ने लगाया 5000 रुपये का जुर्माना


अहमदाबाद की रहने वाली दीपिका दवे ने ला विचित्रा नाम के बुटीक में तीन ब्लाउज सिलवाने का ऑर्डर दिया था और उन्हें इसके लिए 2,700 रुपये भी दिए थे. दीपिका जब ब्लाउज लेने गई और उन्होंने ट्राई किया तो वो उन्हें ठीक से फिट नहीं आए. उन्होंने बुटीक से नए ब्लाउज के कपड़े लेकर उन्हें ठीक से सिलने के लिए कहा, लेकिन दुकानदार ने मना कर दिया. इसके बाद दीपिका ने वडोदरा जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का रुख किया. आयोग ने माना कि चूंकि ब्लाउज ठीक से सिला हुआ नहीं था, इसने दीपिका की शादी की खुशी को कम कर दिया और उन्हें मानसिक परेशानी पहुंचाई.