Ultra High Temperature Milk: दूध को एक बेहद संतुलित आहार माना जाता है. वैसे तो आमतौर पर गाय और भैंस का दूध लोग खूब लेते हैं लेकिन अब शहरों में पैक किया हुआ दूध खूब यूज होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक पैक होने के बावजूद भी दूध हमेशा क्यों फ्रेश रहता है. आखिर इसके लिए कौन सा तरीका अपनाया जाता है. आइए इस बारे में जान लेते हैं क्योंकि कभी-कभी ना आप भी इस तरह के दूध का उपयोग करते होंगे. 


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दरअसल, एक्सपर्ट्स के मुताबिक ताजा दूध सबसे बेहतर होता है लेकिन ताजे दूध की अनुपलब्धता के चलते पैक किया हुआ दूध भी लोग खूब उपयोग में लाते हैं. क्योंकि बाजार में मिलने वाले पैक्ड दूध के पैकेट की शेल्फ लाइफ अच्छी होती है. ये बिना फ्रिज के भी कई दिनों तक खराब नहीं होते हैं. इसका कारण क्या है. इसका मुख्य कारण यह है कि दूध को लंबे समय तक स्टोर करने से पहले इसे हाई टेंपरेचर में गर्म किया जाता है.


इसे इसलिए गर्म किया जाता है क्योंकि ऐसा करने से इसमें मौजूद सूक्ष्म जीवों को नष्ट हो जाते हैं. इसके बाद फिर इसे सील पैक्ड कंटेनर में स्टोर किया जाता है. इसे गर्म करने की प्रक्रिया दिलचस्प है. दूध के कंटेनर को आटोक्लेव में 20-25 मिनट के लिए 110-120 डिग्री सेल्सियस पर अच्छे से गर्म किया जाता है. इसके बाद इसे दोबारा गर्म किया जाता है. अच्छी तरह से पकाने के बाद इसे स्टेराइल पैकेज में पैक कर सील कर दिया जाता है.


इतना ही नहीं क्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क और कस्टर्ड जैसे दूसरे मिल्क प्रोडक्ट को बनाने के लिए भी इस मेथड का उपयोग किया जाता है. हालांकि इस तकनीक का उपयोग दही और पनीर के लिए नहीं किया जाता है. एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक तेजी से गर्म करके और उच्च तापमान पर कुछ समय रखकर प्रोसेस किया जाता है. इस प्रोसेस को 'अल्ट्रा हाइ टेम्परेचर ट्रीटमेंट' (UHT) कहा जाता है.


इस प्रकार UHT प्रोसेस की वजह से पैक्ड मिल्क ताजा रहता है और उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है. हालांकि एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि जब आप पैक्ड मिल्क को खोलते हैं, तो उसे तुरंत ठंडा कर देना चहिए और जब मुमकिन हो, उसे रेफ्रिजरेटर में रखना सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होता है. ताकि आप इसे अधिक समय तक ताजगी के साथ उपभोग कर सकें.