क्या आप जानते हैं भारत से लगा हुआ एक इलाका ऐसा है, जहां के आसमान में एक भी प्लेन नहीं उड़ता. मतलब उस इलाके से होकर दुनिया की किसी एयरलाइंस का कोई प्लेन नहीं जाता. ऐसे में सवाल उठता है कि दुनियाभर के प्लेन इस इलाके से दूर क्यों रहते हैं? कहां है यह जगह और इसे क्या कहते हैं? सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे वीडियो में इसे समझाया गया है.


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फ्रांस जितने पांच देश बन जाएं


पहले आप यह जान लीजिए कि यह कोई 2-4 किमी का इलाका नहीं है. यह इतना विशाल क्षेत्र है कि इसमें फ्रांस के आकार के 5 देश समा जाएं. अगर आप फ्लाइट रेडार की तस्वीरें देखेंगे तो पता चलता है कि उस इलाके के आसमान में कोई प्लेन नहीं जाता. प्लेनों की दिशा ही बताती है कि वे दाहिने-बाएं होकर निकल जाते हैं. इस विशाल क्षेत्र को तिब्बत का पठार कहा जाता है.


इग्नोर करने की तीन वजहें


पहला: अब आपके मन में सवाल उठेगा कि प्लेन के कैप्टन इसे इग्नोर क्यों करते हैं. इसकी तीन मुख्य वजहें हैं. पहला, तिब्बत में काफी ऊंचाई वाले पर्वत हैं. यहां के पहाड़ों की औसत ऊंचाई करीब 14,800 फीट है. यह भी जान लीजिए कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 29 हजार फीट है. कॉमर्शियल फ्लाइट करीब 33 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ती है लेकिन किसी इमर्जेंसी की स्थिति में ये नीचे आकर 10,000 फीट पर उड़ने लगते हैं. ऊंचाई ज्यादा होने के कारण ऐसा करना तिब्बत में संभव नहीं है. अगर कुछ हुआ तो प्लेन क्रैश हो सकता है.


दूसरा: अगली वजह यहां का मौसम है. तिब्बत के पठार में अचानक मौसम बदलता है और तेज हवाएं चलने लगती हैं और टर्बुलेंस से प्लेन खतरे में पड़ सकता है. ऐसे में यहां से होकर गुजरना प्लेन के लिए जोखिम भरा है.



तीसरा कारण इस क्षेत्र में पर्याप्त एयरपोर्ट का न होना है, जिससे इमर्जेंसी लैंडिग संभव ही नहीं है. एक रिपोर्ट के मुताबिक तिब्बत में केवल पांच एयरपोर्ट हैं इसीलिए प्लेन इस इलाके में नहीं आते. Photo: AI