Taiwan China Conflict News: अमेरिकी उच्च अधिकारी नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से चीन की गीदड़भभकी जारी है. पेलोसी की ताइवान यात्रा के 12 दिन बाद अब अमेरिकी सांसदों का एक डेलिगेशन ताइपे के दौरे पर है. आपको बता दें कि इससे पहले पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर चीन ने कड़ा विरोध जताया था. चीन लंबे समय से ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता आ रहा है और चीन के इस रवैये का अमेरिका विरोध करते आ रहा है. ताइवान को लेकर चीन लगातार अमेरिका पर हमलावर है.  


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ताइवान पहुंचे अमेरिकी सांसद


अमेरिका के 5 सांसदों का एक डेलिगेशन ताइवान पहुंचा है. जिसका नेतृत्व मैसाचुसेट्स के डेमोक्रेटिक सांसद एड मार्के कर रहे हैं. डेलिगेशन के अन्य सदस्य औमुआ अमाता कोलमैन राडेवेगन, जॉन गारमेंडी, एलन लोवेंथल और डॉन बेयर शामिल हैं. अमेरिकी सरकार का विमान करीब शाम 7 बजे डेलिगेशन के सदस्यों को लेकर ताइवान की राजधानी ताइ में सोंगशान हवाई अड्डे पर उतरा. अमेरिकन इंस्टीट्यूट के संक्षिप्त बयान में डेलिगेशन के एशिया दौरे के तहत रविवार और सोमवार को ताइवान में रहने की जानकारी दी.


पेलोसी की यात्रा का चीन ने किया था विरोध 


डेलिगेशन के सदस्य अमेरिका-ताइवान संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार, निवेश और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वहां के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे. पेलोसी के दौरे का विरोध करते हुए चीन ने इसे उसकी संप्रभुता के खिलाफ बताया था. इसके साथ ही चीन ने ताइवान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उसके समुद्री और हवाई क्षेत्र के आस पास मिसाइलें दागी थी और युद्धपोत तथा लड़ाकू विमान भी भेजे थे. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीनी लड़ाकू विमान सैन्य अभ्यास के खत्म होने के बाद भी ताइवान के समुद्री क्षेत्र के आसपास मंडराते दिखाई पड़े.


भारत का रुख


इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि रविवार को कम से कम 10 चीनी लड़ाकू विमानों ने इस क्षेत्र में उड़ान भरी. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और दूसरे देशों के साथ किसी तरह के संपर्क करने पर कड़ा एतराज जताता है. चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव के मुद्दे को लेकर भारत ने शांति और स्थिरता बहाल करने की बात की है. इसके साथ ही एकतरफा कार्यवाही से दूर रहने की अपील की है. 


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(इनपुट: एजेंसी)