Kashmir Target Killing: घाटी में आतंक का माहौल पैदा कर अमन शांति को बिगाड़ने की पूरी कोशिश की जा रही है. सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि आई एस आई (ISI) ने एक मास्‍टर प्लान तैयार किया है. घाटी में विदेशी अतकांकियों (Foreign Terrorist ) की एक टीम पहुंच चुकी है. बताया यह भी जा रहा है कि घाटी में दहशत फैलाने के लिए 'द रजिस्टेंस फ्रंट ने कई जगहों को चुना है, जिससे अलग अलग इलाकों मे फिर से डर का माहौल फैलाया जा सके. हमारे विश्वसनीय सूत्र एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वैसे तो जिस इलाके में घटना हुई है, वहां पर लगातार न सिर्फ चेकिंग होती रहती है, बल्कि आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकियों को पकड़ा भी जा रहा है. कश्‍मीर के बारामुला जिले में स्लीपर्स सेल्स के एक्टिव होने की खबर भी मिली है. 


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स्लीपर्स सेल्स हुए सक्रिय 


जिन आतंकवादी संगठनों पर बैन लगा हुआ है उसके सदस्‍य अंडर ग्राउंड काम कर रहे हैं और कश्‍मीर में बारामुला जिले के सोपोर और उसके आसपास क्षेत्रों में एक्‍टीव हैं. यहां स्लीपर्स सेल्स के होने की भी सूचना मिली है. इसका सीधा मतलब होता है कि भारत के लिए खतरा बढ़ने वाला है. इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता है क्‍योंकि कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के पास कुछ वैसे हथियार और उपकरण पहुंच गए हैं. जो उन्‍होंने अफगानिस्तान में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों से हासिल किए थे. इसका मतलब साफ है कि इन हथियारों को कश्मीर में आतंकियों तक पहुंचाने का काम पाकिस्तान के जरिये किया जा रहा है. भले ही पाकिस्तान में सत्ता बदल गई हो, लेकिन इसके कहीं कोई संकेत नहीं कि भारत के प्रति उसका रवैया बदला है. 


घाटी में 4 आतंकी ग्रुप हुए तैयार  


खुफिया एजेंसियों से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठन घाटी में माहौल खराब करने के कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए उन्‍होंने चार संगठनों को जिम्मेदारी भी दी है. सूत्रों के मुताबिक ये चारों संगठन पीओके के मुजफ्फराबाद से कंट्रोल हो रहे हैं. घाटी में माहौल खराब करने के लिए आतंकी आकाओं ने द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF), द पीपुल्स एंटी फासिस्ट फोर्स (PAFF), कश्मीर टाइगर्स (KT) और कश्मीर जांबाज फोर्स (KJF) जैसे कुछ छोटे मोटे स्थानीय लड़कों के आतंकी संगठन तैयार किए हैं. 


आर्टिकल 370 हटने के बाद टारगेट किलिंग क्‍यों 


आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में रोजगार से लेकर वहां बसने और उद्योगों को लगाने का काम आसान हुआ है. लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के रास्ते आसान हो गए हैं और यही वजह है कि अलगाववादी नेता और आतंकियों के साथ साथ चरमपंथियों को यह बात बिल्कुल हजम नहीं हो पा रही है. घाटी में माहौल खराब करने के लिए द रजिस्टेंस फ्रंट जैसे आतंकी संगठन लोगों पर टारगेट किलिंग और टारगेट अटैक कर रहे हैं. इसके अलावा अफगान मुजाहिदीनों का एक बड़ा ग्रुप देश में घुस चुका है जो कुछ बड़ा करने की फिराक में है. 


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