Ahmadiyya Muslims: हाल के दिनों में पाकिस्तान (Pakistan) में अहमदिया मुस्लिमों (Ahmadiyya Muslims) और उनकी मस्जिदों पर लगातार कई हमले हुए हैं. फरवरी महीने की शुरुआत में एक वीडियो सामने आया था जिसमें कराची में स्थित एक अहमदिया मस्जिद (Ahmadiyya Mosque) पर चढ़कर उसकी मीनारों को कुछ लोग तोड़ रहे थे. बाद में दावा किया गया था कि तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़े लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया था. अहमदिया मस्जिद की मीनारें तोड़ने की ये घटना दिनदहाड़े बाजार में हुई थी. अहमदियों और उनकी मस्जिदों पर पाकिस्तान में होने वाले हमलों की लिस्ट लंबी है. जानकारी के मुताबिक, बीते 3 महीने में अहमदियों की 5 मस्जिदों को निशाना बनाया गया है. वहीं, ईशनिंदा के मामले में भी गलत तरीके से फंसाने की केस भी सामने आए हैं. बताया जाता है कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में लोग अहमदिया को मुसलमान मानने से इनकार करते हैं और इनको काफिर कहते हैं. लेकिन इतिहास में देखें तो अहमदिया समुदाय के कुछ नेताओं ने पाकिस्तान बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. आइए इसके बारे में जानते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जिस अहमदिया का पाकिस्तान बनाने में था अहम रोल


पाकिस्तान बनाने की मांग करने वालों में सबसे आगे मुहम्मद जफरुल्ला खान (Muhammad Zafarullah Khan) भी थे जो एक अहमदिया थे. मुस्लिम लीग (Muslim League) के 1940 के लाहौर अधिवेशन (Lahore Session) में पहली बार मुस्लिमों के लिए भारत से अलग देश बनाने की मांग की गई थी और लाहौर प्रस्ताव के लेखक एक अहमदिया मुहम्मद जफरुल्ला खान थे. कहा जाता है कि पाकिस्तान के मामले के मुहम्मद अली जिन्ना तो सिर्फ एक वकील थे और उन्होंने तर्क देकर केस जीत लिया, लेकिन वे क्रांतिकारी रणनीतिक विचारक नहीं थे. इसमें अहम भूमिका मुहम्मद जफरुल्ला खान की मानी जाती है.


अहमदियों के खलीफा ने किया मुस्लिम लीग का सपोर्ट


इतना ही नहीं, कहा जाता है कि अहमदिया समुदाय के उस समय के खलीफा मिर्जा बशीरूद्दीन महमूद अहमद ने भी आजादी से पहले हुए सन् 1946 के चुनाव में मुस्लिम लीग का सपोर्ट करने के लिए कहा था. उन्होंने पाकिस्तान का समर्थन किया था. उन्होंने अहमदिया समुदाय के लोगों को सलाह दी थी कि चुनाव में मुस्लिम लीग का समर्थन करें और पाकिस्तान बनाने की वकालत करें.


दुनियाभर में हैं अहमदिया समुदाय के लोग


गौरतलब है कि अहमदिया लोग मिर्जा गुलाम अहमद को मानते हैं. सन् 1889 में मिर्जा गुलाम अहमद ने इस्लाम में एक पुनरुत्थान आंदोलन चलाया था और नए समुदाय अहमदिया मुस्लिम बनाया था. आज के वक्त में अहमदिया समुदाय भारत-पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों में मौजूद है. इनकी आबादी 1 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है.


भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं