बीजिंग: अमेरिका (America) से तल्ख होते रिश्तों के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) चीन यात्रा पर जाने वाले हैं. लावरोव की अगले हफ्ते होने वाली इस यात्रा पर अमेरिका और भारत (America and India) दोनों की नजरें टिकी हुई हैं. शिनजियांग, तिब्बत, हांगकांग और ताइवान को लेकर जहां अमेरिका और चीन (China) आमने-सामने हैं. वहीं, रूस (Russia) के साथ भी कई मुद्दों पर उसका विवाद चल रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को हत्यारा तक करार दे चुके हैं. 


22 March को पहुंचेंगे Lavrov


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

माना जा रहा है कि रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात में अमेरिका से मुकाबले के लिए रणनीति पर बातचीत होगी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) ने गुरुवार को बताया कि सर्गेई लावरोव 22 मार्च को चीन पहुंचेंगे तथा इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान वह अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय संबंधों और साझा हितों के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. लावरोव की यह यात्रा अलास्का में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken), अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुल्लिवान (Jake Sullivan) और चीनी राजनयिक यांग जीची एवं वांग के बीच हो रही पहली दो दिवसीय उच्च स्तरीय वार्ता की पृष्ठभूमि में होगी. 


ये भी पढ़ें -जो बाइडन ने व्‍लादिमीर पुतिन को कहा-Killer, रूसी राष्‍ट्रपति ने अमेरिका पर उठाई अंगुली


अपने राजदूत को बुला रहा Russia


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चीन के खिलाफ लगातार मुखर बने हुए हैं. खासकर मानवाधिकारों के उल्लंघन पर उन्होंने चीन को जमकर सुनाया है. बाइडेन के इस आक्रामक रुख से चीन बौखलाया हुआ है. बुधवार को चीन ने अमेरिका-जापान संयुक्त बयान का विरोध किया, जिसमें उसकी विदेश नीति की आलोचना की गई थी. झाओ लिजियान ने इसे द्वेषपूर्ण हमला करार दिया. वहीं, खबर है कि रूस बाइडेन प्रशासन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अपने राजदूत को विचार विमर्श के लिए बुला रहा है. अमेरिका ने विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी (Alexei Navalny) को जहर दिये जाने को लेकर रूस पर पाबंदियां लगा दी हैं.


US-Russia में बढ़ा है तनाव


हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय से सामने आई एक गोपनीय रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने पिछले साल नवंबर में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मदद पहुंचाई थी. रूस ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि अमेरिका उसे बदनाम करने की साजिश रच रहा है. इस रिपोर्ट को लेकर भी दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है. जानकारों का मानना है कि रूस और चीन अमेरिका के खिलाफ कोई खास रणनीति तैयार करना चाहते हैं, इसलिए पुतिन सर्गेई लावरोव को बीजिंग भेज रहे हैं.