Bangladeshi Flag was allegedly disrespected by Pakistani Bank: बांग्लादेश के  सिलहट शहर में बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला सामने आया है. घटना पाकिस्तान के स्वामित्व वाले हबीब बैंक लिमिटेड की सिलहट ब्रांच में हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, 15 अगस्त को बांग्लादेश के राष्ट्रीय शोक दिवस पर बैंक में नेशनल फ्लैग को पोल के बजाय एक झाड़ू में बांधकर फहराया गया था. स्थानीय लोगों को जब इसका पता चला तो उन्होंने फौरन आपत्ति जताई और बैंक के सुरक्षा कर्मचारियों को झंडा हटाने के लिए कहा गया.


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लोगों में गुस्सा, कड़ी कार्रवाई की मांग


‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, झंडा हटाने के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. लोगों ने इस हरकत का सोशल मीडिया पर जमकर विरोध किया. बांग्लादेश के लोगों ने राष्ट्रीय शोक दिवस पर झंडे का अपमान करने वाले पाकिस्तानी बैंक के खिलाफ फौरन कड़ी सजा का अनुरोध किया है. हालांकि हबीब बैंक ने अभी तक इस घटना को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक की सिलहट शाखा के प्रबंधक मुजाहिदुल इस्लाम भुइयां का फोन नंबर हॉटलाइन पर कॉल करने के बावजूद कनेक्ट नहीं हुआ. इस बीच सोमवार शाम बाद में हबीब बैंक के अधिकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज को एक पोल पर आधा झुका कर फहराया.


जांच में जुटा सिलहट नगर प्रशासन


रिपोर्ट के मुताबिक, घटना सामने आने के बाद कार्यकारी मैजिस्ट्रेट मेज़बाहउद्दीन और सिलहट जिला प्रशासन के सहायक आयुक्त ने सिलहट में हबीब बैंक शाखा का दौरा किया. इस बीच, सिलहट के उपायुक्त मोहम्मद मोजीबुर रहमान ने दावा किया है कि सहायक आयुक्त ने उक्त स्थान का दौरा किया, लेकिन राष्ट्रीय ध्वज को "दयनीय स्थिति" में नहीं पाया. रहमान ने द डेली को बताया कि, "हालांकि, हम इस संबंध में त्वरित कार्रवाई कर रहे हैं. मैंने हबीब बैंक की सिलहट शाखा के प्रबंधक से बात की है और उनसे इस संबंध में लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा है। हम उनका स्पष्टीकरण प्राप्त करने के बाद कानूनी कार्रवाई करेंगे।"


बांग्लादेश क्यों मनाता है राष्ट्रीय शोक दिवस


बता दें कि बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और बंगबंधु के नाम से मशहूर शेख मुजीबुर रहमान की 15 अगस्त 1975 को हत्या कर दी गई थी. रहमान बांग्लादेश के संस्थापक थे. 15 अगस्त 1975 को हथियारों से लैस बदमाशों ने रहमान, उनकी पत्नी और उनके परिवार के कम से कम 12 सदस्यों की ढाका में उनके धनमंडी आवास पर हत्या कर दी थी. इस त्रासदी में केवल उनकी दो बेटियां बची थीं, जो उस वक्त विदेश में थीं. इनमें से एक मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना हैं, जबकि दूसरी बेटी शेख रेहाना हैं.


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