Bilawal Bhutto Zardari News: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर बेतुका बयान दिया है. इस बार उन्होंने यूक्रेन से कश्मीर की तुलना  कर दी है. जरदारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परषिद (UNSC) के प्रस्तावों का पश्चिम और यूरोपीय देशों के लिए बहुत महत्व है लेकिन जब बात कश्मीर की आती है तो इन प्रस्तावों क का महत्व कागज से ज्यादा नहीं रह जाता है.


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दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक में सुरक्षा और समन्वय के संबंध में एक चर्चा में बोलते हुए जरदारी ने शुक्रवार को रूस और यूक्रेन पर कूटनीति और बातचीत के माध्यम से चल रहे संघर्ष को हल करने पर जोर दिया. हालांकि यहां भी वह एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को खींच लाए.


पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा 'रूस-यूक्रेन संघर्ष को हमेशा के लिए युद्ध में बदलने से बचने के लिए, हम शांति की खोज में कूटनीति को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों से सक्रिय दृष्टिकोण देखना चाहेंगे, जबकि इस संघर्ष के सैन्य तत्वों का पूरी तरह से जवाब देना होगा.' उनके अनुसार, दोनों पक्षों के बीच कूटनीति गायब थी. उनके अनुसार, दोनों पक्षों के बीच कूटनीति गायब थी.


फिर छेड़ा कश्मीर राग
जरदारी ने यूक्रेन पर बोलते हुए कश्मीर राग छेड़ते हुए कहा, 'हम यूक्रेन संघर्ष को एकमात्र समय के रूप में नहीं देखते हैं जब अंतरराष्ट्रीय कानून और UNSC के प्रस्तावों का उल्लंघन किया गया है. हमें यह विडंबना लगती है कि संयुक्त राष्ट्र के कंवेंशन यूक्रेन पर लागू होते हैं लेकिन इराक पर नहीं. UNSC के प्रस्ताव जो अभी पूरे यूरोप और पश्चिम के लिए बहुत मायने रखते हैं, कश्मीर के मामले में एक कागज से ज्यादा कुछ नहीं हैं.


पहले भी कश्मीर मुद्दा उठा चुके हैं जरदारी
बता दें कि जरदारी पहले भी कश्मीर का मुद्दा उठा चुके हैं. पिछले साल दिसंबर सुरक्षा परिषद में 'अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा' के मुद्दे पर बोलते हुए बिलावल भुट्टो ने कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव को उठा दिया. तब उन्होंने कहा था कि सुरक्षा परिषद को इस प्रस्ताव को लागू करना चाहिए.  


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