Corona संकट के बीच BRICS Summit के आयोजन को लेकर China ने की India की तारीफ, मदद की पेशकश
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि इस मुश्किल समय में चीन भारत और सभी ब्रिक्स देशों के साथ एकजुटता के साथ है. मेरा मानना है कि चीन सहित सभी ब्रिक्स भागीदार भारत को आगे भी समर्थन और सहायता प्रदान करेंगे और हमें पूरा विश्वास है कि भारत इस महामारी पर विजय प्राप्त कर लेगा.
बीजिंग: भारत (India) के खिलाफ हर कदम पर साजिश रचने वाले चीन (China) ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) आयोजित करने को लेकर नई दिल्ली की तारीफ की है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने कहा कि COVID-19 महामारी के बावजूद इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन को लेकर किए गए भारतीय प्रयास सराहनीय हैं. साथ ही उन्होंने कोरोना (Coronavirus) महामारी से निपटने के लिए भारत को समर्थन और सहायता की पेशकश की.
Jaishankar ने की अध्यक्षता
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) की अध्यक्षता में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक में अपने संबोधन में वांग यी ने कहा, ‘COVID-19 के प्रभाव के बावजूद ब्रिक्स अध्यक्ष के रूप में भारत ने निरंतरता, एकीकरण और सहमति के लिए अंतर ब्रिक्स सहयोग के विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरी लगन से काम किया है’. उन्होंने आगे कहा कि इन तीन स्तंभों पर सहयोग को आगे बढ़ाने, ब्रिक्स तंत्र को मजबूत करने और ब्रिक्स सहयोग की गति को बनाए रखने के लिए सौ से अधिक कार्यक्रम तैयार किए गए हैं.
India के समर्थन की कही बात
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन भारत के प्रयासों के लिए उसकी सराहना करता है और हम ब्रिक्स देशों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं, ताकि भारत को अध्यक्ष के रूप में समर्थन दिया जा सके और इस वर्ष के ब्रिक्स सहयोग में ठोस परिणाम सुनिश्चित किया जा सके. वांग ने अपने प्रारंभिक संबोधन की शुरुआत कोविड-19 संक्रमणों की नई लहर के गंभीर प्रभाव से की.
‘Corona महामारी को हराएगा भारत’
वांग यी ने कहा, ‘इस मुश्किल समय में चीन भारत और सभी ब्रिक्स देशों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है. मेरा मानना है कि चीन सहित सभी ब्रिक्स भागीदार भारत को आगे भी समर्थन और सहायता प्रदान करेंगे और हमें पूरा विश्वास है कि भारत निश्चित रूप से इस महामारी पर विजय प्राप्त कर लेगा’. उन्होंने यह भी कहा कि वह बैठक में ब्रिक्स देशों के अन्य मंत्रियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान, समन्वय और आम सहमति बनाने के लिए उत्सुक हैं’. बता दें कि वर्ष 2012 और 2016 के बाद यह तीसरी बार है जब भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है.