China-Pakistan Economic Corridor: पाकिस्तान के महत्वाकांक्षी 'चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर' यानि सीपीईसी प्रोजेक्ट को लेकर दंग कर देने वाली खबर सामने आई है. इस प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान को चीन से मिलने वाली मदद अब बेहद कम हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सीपीईसी प्रोजेक्ट से जुड़े रहस्यों को पाकिस्तानी सरकार दबाने की कोशिश कर रही है. फिर भी कभी-कभार इस प्रोजेक्ट को लेकर रिपोर्ट्स सामने आती रहती हैं. अब कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को आगे ले जाने में पाकिस्तान को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो कि देश के बिजली क्षेत्र के विकास में एक बड़ी बाधा है.


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सीपीईसी पर पाकिस्तान मुश्किल में


इनसाइड ओवर की रिपोर्ट के मुताबिक ये खामियां स्पष्ट रूप से इस बात को उजागर करती हैं कि पाकिस्तान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ प्रमुख मुद्दों को हल करने में असमर्थ रहा है. जिसके चलते चीन इस प्रोजेक्ट के लिए निवेश का प्रवाह कम करते जा रहा है.


हकीकत छुपाने में लगा


पाकिस्तान द्वारा सीपीईसी की वास्तविकता को गुप्त रखने के प्रयासों के बावजूद, समय-समय पर पाकिस्तानी सरकार के विभिन्न अंगों से पता चलता रहता है कि परियोजनाएं स्थानीय राजनीतिक हित और वैश्विक जांच का विषय बनती जा रही हैं. उदाहरण के लिए, 2020 में, पाक सरकार द्वारा गठित एक आंतरिक समिति 'लीक' रिपोर्ट ने बिजली क्षेत्र के सौदों में पारदर्शिता की कमी को उजागर किया था.


सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट


इनसाइड ओवर की रिपोर्ट के अनुसार इन परियोजनाओं की वापसी की दरों ने देश के बिजली क्षेत्र में सर्कुलर ऋण को बढ़ा दिया है. बिजली क्षेत्र पर बढ़ते कर्ज का असर पाकिस्तान की वित्तीय सेहत पर पड़ रहा है. बहुपक्षीय चीनी ऋणदाताओं के साथ पाकिस्तान की बातचीत में यह गंभीर मुद्दा नियमित रूप से उठाया जाता रहा है.


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(एजेंसी इनपुट के साथ)