Scheme to make unmarried girls mothers in China: कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से विस्तारवादी चीन कई परेशानियों से जूझ रहा है. महामारी की वजह से उसकी आर्थिक विकास दर काफी गिर गई है. इसके साथ ही उसे देश में गिरती जन्म दर का भी सामना करना पड़ रहा है. जिससे देश में उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में कमी आने और मुल्क के बूढ़ा हो जाने की आशंका जताई जा रही है. इस समस्या से निपटने के लिए चीन (China) की शी जिनपिंग सरकार ऐसे अटपटे उपाय कर रही है कि आपको भी जानकार हंसी आ जाएगी. 


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बिन ब्याही लड़कियों को मां बनाने की स्कीम


चीन सरकार ने देश में जन्मदर को बढ़ाने के लिए अब बिनब्याही लड़कियों को मां (Scheme to make unmarried girls mothers in China) बनने के कानून को मंजूरी दे दी है. फिलहाल इस कानून को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केवल दक्षिण पश्चिम शिचुआन प्रांत में लागू किया गया है. इसके तहत अगर कोई लड़की बिना शादी किए अपने लवर से प्रेग्नेंट होकर मां बनना चाहती है तो चीन सरकार उसकी मदद करेगी. उस लड़की की न केवल गर्भावस्था में देखभाल की जाएगी बल्कि जन्म लेने वाले बच्चे की पढ़ाई और पालन-पोषण में भी सहायता की जाएगी. 


जिनपिंग सरकार आखिर क्यों लेकर आई ये स्कीम? 


शी जिनपिंग सरकार की यह योजना कितनी कामयाब होगी, यह तो वक्त बताएगा लेकिन इससे चीन (China) की बढ़ती परेशानी समझी जा सकती है. फिलहाल चीन में जितना भी औद्योगिक उत्पादन होता है, उसका बड़ा हिस्सा देश में ही खप जाता है. दुनिया का सबसे बड़ा बाजार होने की वजह से वहां पर तमाम बड़ी कंपनियां भी अपने उत्पाद बेचने के लिए लालायित रहती हैं. यही वजह है कि चीन सरकार की नीतियों से असहमत होने के बावजूद वे उसे नाराज करने का जोखिम नहीं उठाती.


देश की गिरती आबादी से परेशान चीन सरकार


आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2025 तक आबादी के मामले में चीन (China) को पछाड़कर भारत दुनिया का सबसे बड़ा और युवा देश बन सकता है. ऐसे में चीन के सिर से सबसे बड़ी मार्केट और युवा देश होने का तमगा छिन जाएगा. जिसके बाद उसके महाशक्ति बनने की आकांक्षा को भी धक्का लगेगा. यही वजह है कि चीन किसी भी तरह अपने देश में जन्म दर को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए उसने पहले अपनी सिंगल चाइल्ड वाली पॉलिसी बदली और उसके स्थान पर 2 बच्चों की पॉलिसी लागू की. जब उससे भी कोई खास फर्क नहीं पड़ा तो अब वहां पर कुंवारी लड़कियों को मां (Scheme to make unmarried girls mothers in China) बनाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. जिससे शादी के झंझट में पड़े बिना महिलाएं बच्चे पैदा कर देश की आबादी को बढ़ाने में योगदान दे सकें. 


बच्चों की देखभाल में मदद देने का आश्वासन


शिचुआन प्रांत के अधिकारियों के मुताबिक जो लड़के-लड़की इस योजना में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें 15 फरवरी से हेल्थ डिपार्टमेंट में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इस योजना में संतान उत्पन्न करने की कोई सीमा नहीं होगी. महिला जितने चाहे, उतने बच्चे पैदा कर सकेगी. महिलाओं के इलाज, डिलीवरी, बच्चों के पालन-पोषण, पढ़ाई और इलाज की जिम्मेदारी चीन (China) सरकार ने अपने कंधों पर लेने का आश्वासन दिया है. फिलहाल लोगों ने इस योजना पर चुप्पी साधी हुई है. ऐसे में यह स्कीम कितनी सफल होती है, यह आने वाला वक्त बताएगा. 


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