South China Sea: चीन के `समुद्री साम्राज्य` की ख्वाहिश, टेंशन में कई देश
चीन (China) की दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं.
नई दिल्ली: चीन (China) की दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं जबकि उस क्षेत्र में कई देशों के साथ उसका विवाद चल रहा है. इस कारण क्षेत्र के कई देश चीन की बढ़ती गतिविधियों को अपने लिए खतरा मान रहे हैं. PLAN (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी) के नाम से जानी जाने वाली चीनी नेवी, हैनान पर अपने रणनीतिक आधार को मजबूत कर रही है. अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीन विवादित दक्षिण चीन सागर तक पानी के नीचे भी पर्याप्त ताकत से पहुंच सकता है.
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक द पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) के नाम से जानी जाने वाली चीनी एयर फोर्स के पास जल्द ही दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में अपने फाइटर जेट के लिए बेस बना रहा है. इतना ही दक्षिण चीन सागर में एक चीनी करियर की स्थायी उपस्थिति भी जल्द ही देखने को मिल सकती है.
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चीन के इस क्षेत्र के अन्य सभी देशों के साथ सीमा को लेकर विवाद हैं. फिर भी बीजिंग दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा जताता है. इस समुद्री रास्ते से हर साल 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के माल का आवागमन होता है.
चीन तो यहां तक दावा करता है कि समुद्र के लगभग 80% हिस्से पर उसका ऐतिहासिक अधिकार है. इसके लिए वह यू-आकार की "नाइन-डैश लाइन" का उपयोग करता है जिसमें वियतनाम के एक्सक्लूजिव इकॉनॉमिक जोन, साथ ही पैरासेल द्वीप समूह और स्प्रैटली द्वीप समूह क्षेत्र भी शामिल है. इतना ही नहीं यह ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम के ईईजेड को भी ओवरलैप करता है.
चीन के ऐसे ही कारनामों के चलते वियतनाम और फिलीपींस ने पिछले महीने ही इस क्षेत्र में चीन द्वारा किए गए सैन्य अभ्यास की आलोचना की थी.
इससे पहले जून में संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी दक्षिण चीन सागर पर अपनी स्थिति को सख्त कर दिया था. उसने चीन पर "समुद्री साम्राज्य" बनाने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया है.