भारतीय सैनिकों का ध्यान भटकाने के लिए फिंगर-4 पर पंजाबी गाने बजा रहा चीन
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सैनिकों का ध्यान भटकाने के लिए चीन (China) पंजाबी गानों का सहारा ले रहा है.
नई दिल्ली: चीन अपनी चालाकी से बाज नहीं आ रहा है. LAC पर भारतीय सैनिकों का ध्यान भटकाने के लिए चीन (China) पंजाबी गानों का सहारा ले रहा है. चीन ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के फिंगर-4 क्षेत्र (Finger 4 area of Pangong Lake) में लाउडस्पीकर लगाए हैं और उन पर लगातार पंजाबी गाने चलाए जा रहे हैं.
चीन ने यह कदम भारतीय सेना की मुस्तैदी को देखते हुए उठाया है, ताकि सैनिकों का ध्यान भंग किया जा सके. भारतीय सेना फिंगर-4 के नजदीक ऊंची पहाड़ियों से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है. सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना ने जिस पोस्ट पर लाउडस्पीकर लगाए हैं, वह भारतीय सैनिकों की 24x7 निगरानी में है.
38,000 वर्ग किमी भूमि पर कब्जा
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defence Minister Rajnath Singh) ने 15 सितंबर को संसद में बताया था कि चीन ने लद्दाख में लगभग 38,000 वर्ग किमी भूमि पर अनधिकृत कब्जा किया हुआ है, जो द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है. चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती 1993 और 1996 के समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन है. सिंह ने यह भी कहा था कि 1963 में एक तथाकथित सीमा-समझौते के तहत, पाकिस्तान ने पीओके की 5,180 वर्ग किमी भारतीय भूमि चीन को सौंप दी थी.
बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती
राजनाथ सिंह के मुताबिक, चीन ने LAC और आंतरिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में अपने सैनिकों की तैनाती के साथ गोला-बारूद जुटाए हैं. पूर्वी लद्दाख और गोगरा, कोंगका ला और पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण क्षेत्रों में तनाव बढ़ा है. भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा विवाद को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस उद्देश्य के तहत 4 सितंबर को मॉस्को में चीनी रक्षामंत्री से मुलाकात हुई थी. इस दौरान हमने स्पष्ट किया था कि बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की तैनाती, आक्रामक व्यवहार और एकतरफा यथास्थिति बदलने का प्रयास द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है.
नहीं आ रहा बाज
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को हल करने के लिए कई प्रयास हो चुके हैं. रक्षा मंत्रियों की बैठक के साथ ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने भी रूस में मुलाकात की थी. इस दौरान 5-सूत्रीय एजेंडे पर सहमति बनी थी. हालांकि, ये बात अलग है कि चीन लगातार उकसावे की कार्रवाई करता आ रहा है. हाल ही में सरकारी अखबार के संपादक द्वारा भारत को धमकी दी गई थी.
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