Wang Yi:अपने लापता विदेशमंत्री किन गैंग को चीन ने हटाया, वांग यी को दी कमान
Qin Gang Removal news: आश्चर्यजनक घटनाक्रम में चीन ने अपने लापता विदेश मंत्री किन गैंग की जगह वांग यी को कमान दी है. किन गैंग के बारे में 25 जून से जानकारी नहीं है कि वो कहां हैं.
ैWang Yi Chinese Foreign Minister: चीन ने अपने लापता विदेश मंत्री किन गैंग को हटा दिया है. उनकी जगह वांग यी कमान संभालेंगे. वांग यी को कम्यूनिस्ट पार्टी के प्रभावशाली नेताओं में माना जाता है. चीन की स्टेट ब्राडकॉस्टर सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, किन गैंग को विदेश मंत्री के पद से हटा दिया गया. जून से सार्वजनिक जीवन से उनकी अनुपस्थिति ने उनके भाग्य के बारे में अटकलों को हवा दे दी थी.वांग यी, जो अभी दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भाग ले रहे हैं उन्हें नए विदेश मंत्री के रूप में नामित किया गया है. शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था पोलित ब्यूरो की सोमवार को बुलाई गई बैठक के एक दिन बाद मंगलवार को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के एक विशेष सत्र के दौरान यह कदम उठाया गया.
25 जून से लापता हैं किन गैंग
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नियमों के अनुसार किन को विदेश मंत्री पद से हटाना नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के ऑर्गेनिक कानून के अनुरूप है, जो मार्च 2021 में लागू हुआ था. नियम राष्ट्रीय कांग्रेस के बजाय स्थायी समिति को राज्य परिषद के कुछ सदस्यों को नियुक्त करने या पद से हटाने का अधिकार देता है. किन गैंग जब लापता हुए तो तरह तरह की खबरें सामने आती रहीं. जानकार बताते हैं कि चीन में बड़े लोगों की गुमशुदगी कोई नई बात नहीं है. औद्योगिक घरानों से जुड़े लोग हों या अभिनय जगत से जुड़े लोग उनके लापता होने की खबरें पहले भी आती रही हैं लेकिन किसी राजनीतिक शख्सियत का गायब होना बड़ी बात थी. जानकार कहते हैं कि इसमें हैरानी वाली बात नहीं होनी चाहिए क्योंकि आपने सुना होगा जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद कई दिनों तक सबके सामने नहीं आए थे. उसकी वजह से अफवाहों का बाजार गर्म हो गया था.
जोहांसबर्ग में हैं वांग यी
वांग यी इस समय जोहांसबर्ग में ब्रिक्स सदस्यों के साथ हैं. उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से अपील करते हुए कहा था कि चीन और भारत को मतभेदों को भुलाकर एक होने की जरूरत है. चीन और भारत के साझा हित एक जैसे हैं. चीन की दुश्मनी नहीं है लेकिन सवाल यह है कि वांग यी के सुर क्यों बदल गए. दरअसल भारत ने चीन की बड़ी इलेक्ट्रिक गाड़ी बनाने वाली बीवाईडी के एक बिलियन डॉलर के निवेश को मंजूरी नहीं दी. भारत के इस फैसले को चीन पर बड़े दबाव के तौर पर भी देखा जा रहा है.