China On G20 Summit: चीन (China) ने इस आलोचना को नजरअंदाज कर दिया है कि यूक्रेन (Ukraine) और जलवायु मुद्दों से संबंधित प्रपोजल्स पर उसकी आपत्तियां दिल्ली में हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में एक डील को बाधित कर रही हैं. चीन ने साफ किया कि वह सक्रिय और रचनात्मक तरीके से इससे संबंधित चर्चा में हिस्सा ले रहा है. दरअसल, यूनाइटेड किंगडम के पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने आलोचना की थी कि चीन की तरफ से उठाई गई आपत्तियों की वजह से यूक्रेन और जलवायु मुद्दों पर जी20 देशों में अभी तक डील नहीं की जा सकी है.


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सुनक को चीन का जवाब


सुनक के बयान से जुड़ा सवाल पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि जी20 को चीन बहुत महत्व देता है. उसने जी20 शिखर सम्मेलन दस्तावेज पर चर्चा और परामर्श में रचनात्मक और सक्रिय तरीके से हिस्सा लिया है. माओ ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि हम सर्वसम्मति कायम करने के सिद्धांत के अंतर्गत जी20 समिट में सकारात्मक परिणाम की दिशा में अन्य पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.


इन मुद्दों पर है चीन का फोकस


बता दें कि 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन होगा. खबरों के मुताबिक, सदस्य देशों ने एक संयुक्त बयान को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा पर ध्यान केंद्रित किया है. हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ इस सवाल पर बचती दिखीं कि पिछले साल जी20 के बयान में यूक्रेन में जंग पर एक हिस्सा शामिल था और क्या चीन इस बार की जी20 समिट में यूक्रेन पर इसी प्रकार के हिस्से पर सहमत होने जा रहा है.


यूक्रेन पर क्या बोला चीन?


इसपर माओ ने कहा कि अधिकांश सदस्यों ने यूक्रेन पर रूस के अटैक की कड़ी निंदा की. माओ ने कहा कि हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के मुख्य मंच के तौर पर जी20 को अपने संकल्प पर ध्यान केंद्रित करने, विश्व आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और व्यापक आर्थिक नीति समन्वय बढ़ाने की जरूरत है.


माओ ने आगे कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर चीन का स्टैंड सुसंगत और साफ हैं. जलवायु परिवर्तन पर, हमें आशा है कि संबंधित पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं को ध्यान में रखेंगे, साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों के सिद्धांत का पालन करेंगे और जॉइंट तौर पर चुनौती का जवाब देंगे.


(इनपुट- भाषा)