China US Dispute over Taiwan: ताइवान (Taiwan) में अमेरिका कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद से चीन-अमेरिका के बीच भड़का तनाव लगातार आगे ही बढ़ता जा रहा है. नैंसी पेलोसी के बाद अब अमेरिका के 5 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचा है, जिससे चिढ़कर चीन (China) ने अपने लड़ाकू जहाज ताइवान की वायु सीमा में उड़ाकर उसे सख्त संदेश दिया. इतना ही नहीं, अमेरिका के सुपर कैरियर नेवल फ्लीट को उड़ाने के लिए उसने अपना बलशाली हथियार भी चुपके से समुद्र में उतार दिया है, जो युद्ध होने की स्थिति में यूएस को खासा नुकसान पहुंचा सकता है.


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स्टील्थ पनडुब्बी है पनडुब्बी 'Type-039C Yuan'


ब्रिटिश वेबसाइट 'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अमेरिका के खिलाफ अपनी जंगी तैयारी को आगे बढ़ाते हुए युआन क्लास की स्टील्थ पनडुब्बी 'Type-039C Yuan' को दक्षिण चीन सागर में ताइवान (Taiwan) की ओर रवाना कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक यह पनडुब्बी सुपरसोनिक मिसाइलों का लैस है और इसका निर्माण अमेरिकी नेवी के पावरफुल एयरक्रॉफ्ट कैरियर को डुबोने के लिए किया गया है. 


पानी की गहराइयों में पता लगाना मुश्किल


नेवल न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, टाइप-039सी युआन पनडुब्बी चीन में चल रहे सबमरीन प्रोजेक्ट निर्माण का हिस्सा है. इस पनडुब्बी को चीनी (China) नेवी ने जुलाई में ही कमीशन किया है और इसमें पुराने मॉडल की तुलना में कई नए बदलाव किए गए हैं. इसमें नए पंखे जोड़े गए हैं और पिछले हिस्से में टॉवर जैसा स्ट्रक्चर बनाया गया है, जिससे इसे पानी के अंदर पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है. इसके ऊपरी हिस्से में एक एंगल्ड रिज बना गया है, जो एक स्टील्थ फाइटर प्लेन के धड़ जैसा दिखता है. यह रिज पनडुब्बी के पानी की सतह पर होने पर इसके रडार क्रॉस-सेक्शन को कम कर सकता है.


बिना सतह पर आए बैटरी हो सकती है रिचार्ज


टाइप-039सी युआन पनडुब्बी में एक नया एयर इंडिपेंडेंट पावर सिस्टम भी लगाया गया है, जिसके चलता बिना पानी की सतह परा आए पनडुब्बी का इंजन अपनी बैटरी को रिचार्ज कर सकता है. इस खासियत की वजह से ये पनडुब्बी लंबे वक्त तक पानी की सतह के नीचे छिपी रह सकती है और दुश्मन को भनक दिए बिना उसका बड़ा नुकसान कर सकती है. इसी पनडुब्बी के एक पुराने मॉडल ने वर्ष 2015 में अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर 'USS Ronald Reagan' का पीछा किया ता. 


अब अमेरिकी सांसदों के नए प्रतिनिधिमंडल के ताइवान पहुंचने पर चीन (China) ज्यादा बौखला गया है. उसने ताइवान जलडमरूमध्य में फिर से मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दी है. यह ताइवान के पेंघु द्वीपों के पास कई गई है, जहां ताइवानी एयरफोर्स का बेस बना हुआ है. 


15 चीनी विमानों ने फिर की हवाई ड्रिल


चीनी (China) रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह ताइवान (Taiwan) की स्वतंत्रता और उसे समर्थन के किसी भी विदेशी प्रयास को सख्ती से कुचल डालेगा. वहीं ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 15 चीनी विमानों ने सोमवार को चीन-ताइवान को अलग करने वाली जलसीमा का उल्लंघन किया. ताइवान ने कहा कि अगर चीन ने उस पर हमला किया तो वह पूरी क्षमता से उसका मुकाबला करेगा. 


वर्ष 2050 तक ताइवान पर कब्जे का लक्ष्य


डिफेंस एक्सपर्टों के मुताबिक चीन ने ताइवान (Taiwan) पर कब्जे के लिए वर्ष 2050 तक का समय तय कर रखा है. तब तक वह खुद को अमेरिका के बराबर आर्थिक और सैन्य महाशक्ति बना लेना चाहता है. इसके बाद वह पर्ल हार्बर पर जापानी हमलों की तरह दक्षिण चीन सागर में बने अमेरिकी अड्डों पर हमला शुरू कर सकता है. एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि ताइवान पर पूरी तरह काबू पाने में चीन (China) को 20 लाख सैनिकों की जरूरत पड़ सकती है. हालांकि यह जरूरी नहीं कि इतनी बड़ी संख्या में सैनिक होने के बावजूद वह ताइवान पर कब्जा कर ही सकता है. उसे रूस की तरह मात भी खानी पड़ सकती है. 


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