Chinese hackers: जापान के डिफेंस नेटवर्क में चीनी हैकर्स ने लगाई थीं सेंध, चौंकाने वाला खुलासा
Japan Defense Network: अमेरिका और जापान के साथ रिश्तों में तनातनी की बात नई नहीं है. चीन और अमेरिका एक दूसरे पर जासूसी का आरोप पहले से भी लगाते रहे हैं. इन सबके बीच एक खबर आई कि जापान के डिफेंस नेटवर्क में चीनी हैकर्स ने सेंध लगाई थी.
Chinese hackers News: अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने चिंताजनक रहस्योद्घाटन किया है. चीनी सैन्य हैकरों ने पूर्वी एशिया में संयुक्त राज्य अमेरिका के महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार जापान से संबंधित वर्गीकृत रक्षा नेटवर्क में सफलतापूर्वक सेंध लगाई थी. कथित तौर पर इस उल्लंघन के गंभीर प्रभाव भी पड़े क्योंकि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साइबर जासूस जापान के अत्यधिक संवेदनशील कंप्यूटर सिस्टम तक व्यापक पहुंच हासिल करने में कामयाब हो गए थे. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि चीनी हैकरों ने समझौता किए गए नेटवर्क के भीतर एक गहरी उपस्थिति स्थापित की थी, जिसका उद्देश्य सैन्य योजनाओं, क्षमताओं और कमजोरियों के आकलन समेत किसी भी मूल्यवान जानकारी को हासिल करना प्रतीत होता था.
अमेरिका का खुलासा
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन पूर्व वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर इस मामले का खुलासा किया. जिन लोगों को इसके बारे में जानकारी दी गई उन्होंने इस घटना को अत्यधिक चिंताजनक माना. एक पूर्व अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि यह बुरा था चौंकाने की हद तक बुरा था. टोक्यो ने अपनी नेटवर्क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उपाय किए थे लेकिन बीजिंग से पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिलने की वजह से सभी प्रयास नाकाम रहे. इसकी वजह से जापान के रक्षा मंत्रालय और पेंटागन के बीच प्रभावी खुफिया जानकारी साझा करने में संभावित बाधाओं के बारे में चिंताएं बढ़ा दीं. हैकिंग की इस घटना को जापान के आधुनिक इतिहास में सबसे हानिकारक साइबर हमलों में से एक माना गया जिससे जापानी अधिकारियों में गहरी चिंता है. मामले की जांच करने की उनकी प्रतिबद्धता के बावजूद इस तरह की भावना थी कि यह मुद्दा समय के साथ खत्म हो सकता है खासकर जब आने वाले बिडेन प्रशासन को कई जरूरी मामलों का सामना करना पड़ा.
चीन की सायबर क्षमता में इजाफा
अब बिडेन प्रशासन के अस्तित्व में होने के बाद भी चीनी साइबर खतरा कम नहीं हुआ था. हैकरों के पास अभी भी टोक्यो के नेटवर्क तक पहुंच थी जिससे साइबर सुरक्षा और रक्षा विशेषज्ञों को मुद्दे की गंभीरता का एहसास हुआ. जापान ने साइबर सुरक्षा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए. अगले पांच वर्षों में साइबर सुरक्षा बजट में दस गुना वृद्धि और अपने सैन्य साइबर सुरक्षा बल के चार गुना विस्तार की घोषणा की. पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने की चीन की आकांक्षाओं के कारण क्षेत्र में टकराव बढ़ गया है. जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में बैलिस्टिक मिसाइलें दागने के साथअमेरिकी, कनाडाई और ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं के साथ उत्तेजक युद्धाभ्यास में शामिल होने जैसे कृत्यों ने तनाव बढ़ा दिया है. इसके अलावा चीन की साइबर क्षमताएं बढ़ रही हैं जिसमें चीनी हैकरों द्वारा अमेरिका, गुआम और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में घुसपैठ करने की खबरें हैं.