नई दिल्ली: भारत ने लद्दाख में पकड़े गए चीनी सैनिक (Chinese Soldier) को सोमवार (11 जनवरी) सुबह  10 बजे चीनी अधिकारियों को सौंप दिया. बता दें कि पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में चीन और भारत के बीच चल रहे गतिरोध के बीच 8 जनवरी को भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिण के इलाके से एक चीनी सैनिक को पकड़ा था. चीनी सैनिक से दोनों देशों के बीच बने प्रोटोकॉल के तहत पूछताछ की गई, हालांकि लेना ने अभी तक इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी है.


8 महीने से चल रहा है भारत-चीन विवाद


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बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद पिछले साल मई में शुरू हुआ था, जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन की गलवान घाटी में भारत की ओर से सड़क निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी. 5 मई को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद सैन्य गतिरोध पैदा हो गया. इसके बाद चीनी सैनिक 9 मई को सिक्किम के नाथू ला में भी भारतीय सैनिकों के साथ उलझ गए थे, जिसमें कई सैनिकों को चोटें आई थीं.


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जून में 20 भारतीय जवान हुए थे शहीद


इसके बाद 15 जून को लद्दाख (Ladakh) के गलवान घाटी में भी भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. वहीं भारतीय सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में 50 से ज्यादा चीनी सैनिक मारे गए थे. इसके बाद भारत और चीन के बीच कई स्तर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन गतिरोध पर कोई हल नहीं निकला है.


भारतीय सेना ने पहाड़ियों पर किया कब्जा


चीन के नापाक इरादों और फिंगर 4 से 8 तक तक एरिया में उसकी सैन्य तैनाती को देखते हुए भारतीय सेना ने 29-30 अगस्त की रात को पैगोंग झील के दक्षिण की पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया. वर्ष 1962 के युद्ध के बाद भारतीय सेना (Indian Army) पहली बार इस इलाके में पहुंची, जिसके बाद LAC पर बना चीन का मॉल्डो गैरीसन भारतीय सैनिकों की सीधी मारक रेंज में गया है.


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