CICA summit 2022: चालबाज पाकिस्तान को भारत की तरफ से समय-समय पर दो टूक मिलती रहती है. इसके बाद भी वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है. अब कजाकिस्तान में CICA के शिखर सम्मेलन में भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बताया है. भारत की विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है और भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों का स्रोत है. 


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पाकिस्तान पर लगाए कई आरोप


कजाकिस्तान के अस्ताना में सीआईसीए शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, लेखी ने पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए मंच का दुरुपयोग करने और सदस्य राज्यों के बीच चर्चा और सहयोग के विषय और फोकस से ध्यान हटाने का आरोप लगाया. लेखी ने कहा- पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है और भारत में आतंकवादी गतिविधियों का स्रोत बना हुआ है. पाकिस्तान मानव विकास में कोई निवेश नहीं करता है, लेकिन आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को बनाने और बनाए रखने के लिए अपने संसाधन का इस्तेमाल करता है.


'आतंकवाद को तुरंत बंद करे पाक'


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत विरोधी सीमा पार आतंकवाद को तुरंत बंद करना चाहिए. यह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू, कश्मीर और लद्दाख (पीओजेकेएल) में गंभीर और लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए अच्छा होगा. उन्होंने कहा, 'हम पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहते हैं. इस प्रकार पाकिस्तान को सलाह दी जाती है कि वह एक अनुकूल माहौल बनाकर बात करें. जिसमें विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है, ताकि किसी भी तरह से भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग न किया जा सके. यह दोनों देशों को सहयोग के अपने एजेंडे से इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच को विचलित करने के बजाय द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को शामिल करने और संबोधित करने में सक्षम करेगा.


'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग'


उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग हैं और रहेंगे. पाकिस्तान के पास भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. पाकिस्तान की टिप्पणी भारत के आंतरिक मामलों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में घोर हस्तक्षेप है जो सितंबर 1999 के सीआईसीए सदस्यों के बीच सिद्धांतों के मार्गदर्शक संबंधों पर सीआईसीए घोषणा के साथ असंगत है.


'आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती'


राज्य विदेश मंत्री ने कहा, 'आतंकवाद हमारी शांति के लिए सबसे बड़ी चुनौती और खतरा बना हुआ है और अपने सभी रूपों में मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता बना हुआ है. जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसे आतंकवाद हम सभी को प्रभावित करते हैं. भारत आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता का ²ष्टिकोण रखता है और सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करता है. लेखी ने कहा, कई दशकों से भारत विशेष रूप से कुछ राज्यों के वित्तीय, राजनीतिक और नैतिक समर्थन के जरिए सीमा पार आतंकवाद के खतरे से प्रभावित रहा है.


गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन के दौरान एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाया था, जिसे भारत द्विपक्षीय मामला मानता है. भारत सीआईसीए के संस्थापक सदस्यों में से एक है. लेखी सीआईसीए में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए विशेष काफिले के साथ अस्ताना पहुंची थीं.


(इनपुट- आईएएनएस)


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