बीजिंग: चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के लिए भ्रष्टाचार अब भी सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. यह बात शुक्रवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कही और लंबे समय तक भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने प्रयास को जारी रखने का संकल्प जताया क्योंकि 'कठिन समय' में भी लोगों ने उनके मजबूत नेतृत्व पर भरोसा जताया.


करप्शन के खिलाफ लड़ाई को बनाया हथियार


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए शी (67) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और मजबूत नेतृत्व को अपना हथियार बनाया. 1949 में चीन जनतांत्रिक गणतंत्र बनने के बाद से सीपीसी देश पर शासन कर रहा है. सीपीसी के शक्तिशाली भ्रष्टाचार निरोधक निकाय ‘सेंट्रल कमीशन फॉर डिसिप्लीन इंस्पेक्शन’ (सीसीडीआई) को संबोधित करते हुए शी ने कहा, 'कठिन समय में लोगों ने पार्टी के मजबूत नेतृत्व और सीपीसी केंद्रीय समिति के अधिकार पर उन्होंने भरोसा जताया.'


भ्रष्टाचार विरोधी अभियान रहेगा जारी


सरकारी शिन्हुआ संवाद समिति ने शी के हवाले से बताया, 'पार्टी के प्रशासन के लिए भ्रष्टाचार अब भी सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है.' उन्होंने कहा कि पुराने और नए तरह का भ्रष्टाचार एक-दूसरे से मिल गया है. शी ने कहा, 'भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार विरोधी प्रयास के बीच संघर्ष लंबे समय तक जारी रहेगा.' उन्होंने संकेत दिया कि देश में उन्हें लोकप्रिय बनाने वाला भ्रष्टाचार विरोधी प्रयास जारी रहेगा.


ब्राजील के राष्‍ट्रपति ने हनुमान जी की तस्‍वीर शेयर करते हुए PM मोदी से कहा-Thank You


10 लाख से अधिक लोगों को किया गया दंडित


आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शी के कार्यकाल के पहले पांच वर्षों में सेना के शीर्ष अधिकारियों सहित दस लाख से अधिक अधिकारियों को भ्रष्टाचार और पद के दुरूपयोग के लिए दंडित किया गया. माओ त्से तुंग की तरह आजीवन पद पर बने रहने की संभावना देखते हुए संवैधानिक संशोधन कर दो वर्ष के कार्यकाल की सीमा को समाप्त करने के बाद शी भ्रष्टाचार को बड़ा खतरा बताते हैं ताकि वह सत्ता में बने रहें.


VIDEO-