Pakistan Economy: भारी आर्थिक संकट ने इस बार पाकिस्तान में ईद का रंग भी फीका कर दिया. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में ईद पर खर्च की गई राशि लगभग 432 बिलियन पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) थी, जो दस वर्षों में सबसे कम राशि थी. यह 2018 में पीकेआर 1.1 ट्रिलियन (सबसे अधिक) से काफी कम है और कोविड प्रतिबंधों के बीच 2021 में खर्च किए गए 480 बिलियन पीकेआर से भी कम है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रिपोर्ट के अनुसार, खरीदारी क्षेत्रों में उल्लेखनीय कमी देखी गई क्योंकि लोगों ने एक साथ शॉपिंग करने पर अधिक खर्च हो जाने के डर से विंडो शॉपिंग की भी इच्छा नहीं जताई. हालांकि ऑनलाइन खरीदारी ने बिक्री में गिरावट की आंशिक भरपाई की.  


मुद्रास्फीति को सबसे बड़ा कारण बताया
खरीदारी में कमी के लिए मुद्रास्फीति को सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है. बच्चों के कपड़ों जैसे लोकप्रिय और पहले से सस्ती आयातित वस्तुओं की बढ़ती कीमत की विशेष तौर पर आलोचना की जा रही है.


बता दें पाकिस्तानी रुपये में गिरावट की वजह से बच्चों के कपड़े की कीमतों में अन्य क्षेत्रों की तुलना में कहीं अधिक वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय कपड़ा उद्योग के मुद्दों के कारण, सस्ते कपड़ों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्थानीय आपूर्ति नहीं थी.


सभी उद्योगों पर पड़ा असर
कपड़ों की मांग में गिरावट दूसरे उद्योगों में जो हो रहा था, उसका एक प्रतीक है. आखिरकार, जो लोग नई शर्ट नहीं खरीद सकते हैं, उनके बाहर जाने और अपने घरों, अपने वाहनों, या यहां तक कि अपने फोन और घरेलू सामानों को अपग्रेड करने की संभावना नहीं है.


ज्वैलरी इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है, कई स्टोर मालिकों ने वॉक-इन कस्टमर में गिरावट और ट्रेड-इन बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि की जानकारी दी. उपभोक्ताओं ने अपने खर्च करने की क्षमता के कम होने की वजह से आभूषणों को खरीदने से पहरेज किया.


हालांकि पॉजिटिव चीजें भी देखने को मिली. चैरिटेबिल डोनेशन अपेक्षाकृत अधिक रहा. इसका मतलब है कि धनी और उच्च मध्यम वर्ग के पाकिस्तानी जरुरतमदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं.


(इनपुट - ANI)