लाहौर: पाकिस्तान (Pakistan)  की आतंकवाद रोधी अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (JUD) के प्रमुख हाफिज सईद (Hafiz Saeed) और संगठन के अन्य सदस्यों को आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), गुजरांवाला द्वारा दर्ज आतंकी फंडिंग के एक अन्य मामले में दोषी ठहराया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

द न्यूज ने शनिवार को बताया जेयूडी लीडरशीप को आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन से संबंधित दो दर्जन से अधिक मामलों का सामना करना पड़ रहा है, जो पांच शहरों में दर्ज हैं. सुरक्षा चिंताओं के कारण लाहौर आतंकवाद-रोधी अदालतों के समक्ष सभी मामले दर्ज किए गए हैं.


अधिकारियों ने एटीसी जज के समक्ष हाफिज सईद और अन्य को सीटीडी गुजरांवाला द्वारा दायर एक एफआईआर की कार्यवाही मामले में एटीसी जज के सामने पेश किया. सईद और अन्य ने एफआईआर में दर्ज अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. अदालत ने तब जेयूडी सदस्यों के खिलाफ आरोप तय किए और 21 दिसंबर को अभियोजन पक्ष के गवाहों को तलब किया.


3 जुलाई को, जेयूडी के शीर्ष 13 सरगनाओं के खिलाफ आतंकवाद-रोधी अधिनियम (एटीए) 1997 के तहत आतंक के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दो दर्जन मामलों में दर्ज किया गया था.


आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), जिसने पंजाब के पांच शहरों में मामले दर्ज किए, ने घोषणा की कि जेयूडी गैर-लाभकारी संगठनों और अल-अनफाल ट्रस्ट, दावातुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबल ट्रस्ट आदि के माध्यम से एकत्र किए गए धन से आतंकवाद का वित्तपोषण कर रहा था. इन गैरलाभकारी संगठनों पर अप्रैल में प्रतिबंध लगा दिए गए.


बाद में, 17 जुलाई को पंजाब सीटीडी द्वारा आतंक वित्तपोषण के आरोप में हाफिज सईद को गुजरांवाला से गिरफ्तार किया गया था. सीटीडी द्वारा उसे एक गुजरांवाला एटीसी के सामने पेश करने के बाद उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था.


शीर्ष जेयूडी सरगनाओं के अलावा, मलिक जफर इकबाल, आमिर हमजा, मोहम्मद याहया अजीज, मोहम्मद नईम, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, डॉ. अहमद दाउद, डा.ॅ मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मोहम्मद अली और अब्दुल गफ्फार के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे.