Power Crisis in China: गर्मी ने छुड़ाए चीन के `पसीने`, हीटवेव से बढ़ा बिजली संकट, निपटने के लिए किए जा रहे ये इंतजाम
China: चीन के सिचुआन प्रांत की प्रांतीय राजधानी चेंगदू में हो रही है सबसे ज्यादा दिक्कत. इसे देखते हुए वहां के प्रशासन ने फिलहाल आउटडोर लाइटिंग और लाइट वाले विज्ञापनों को बंद करने का आदेश दिया है. चेंगदू मेट्रो ने सोशल मीडिया पर तस्वीर भी साझा की, जिसमें स्टेसन के आसपास लाइट डिम कर दी गई है.
China Facing Power Crisis Due to Heatwave: चीन के सिचुआन प्रांत की प्रांतीय राजधानी चेंगदू ने रिकॉर्ड गर्मी के बीच ऊर्जा बचाने के लिए खास पहल शुरू कर दी है. वहां प्रशासन ने आउटडोर विज्ञापनों, मेट्रो लाइटिंग और बिल्डिंग साइन्स को कम करने का फैसला किया है. वहां इस सप्ताह तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (104 फ़ारेनहाइट) के पार हो चुका है. गर्मी बढ़ने से एयर कंडीशनर की डिमांड भी बढ़ी है. शहर में बिजली की मांग में भी तेजी आई है. इसके अलावा गर्मी की वजह से बांधों में पानी कम हो रहा है. इससे बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है.
कई प्लांट करने पड़े हैं बंद
वहीं, बिजली बचाने के लिए उठाए गए कदमों का असर अब यहां की बड़ी फैक्ट्रियों पर भी पड़ने लगा है. जापानी कार दिग्गज टोयोटा को फिलहाल अपने प्लांट में काम बंद करना पड़ा है. ऐसे कई प्लांट अभी बंद कर दिए गए हैं. दाझोऊ शहर के लाखों लोग बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. चेंगदू के शहरी प्रबंधन अधिकारियों ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक नोटिस में कहा, "गर्म और उमस भरे मौसम ने बिजली उत्पादन और आपूर्ति के बीच काफी अंतर ला दिया है. चेंगदू सबसे गंभीर स्थिति' का सामना कर रहा है और इस समस्या के समाधान के लिए फिलहाल आउटडोर लाइटिंग और लाइट वाले विज्ञापनों को बंद करने का आदेश दिया गया है."
मेट्रो स्टेशन पर भी कम की गई लाइट
चेंगदू मेट्रो ने चीन के ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म वीबो पर एक वीडियो में कहा कि वह लाइट वाले विज्ञापन बंद करने के साथ ही बिजली बचाने के लिए स्टेशनों में तापमान को भी "अनुकूलित" करेगा. इसके बाद इस प्लेटफॉर्म पर मेट्रो प्लेटफॉर्म्स, मॉल्स और वॉकवे पर मंद रोशनी की तस्वीरें शेयर की गईं. इस वीडियो में यात्रियों को आंशिक अंधेरे में चलते हुए देखा जा सकता है.
सूखने लगी है यांग्त्जी नदी
राज्य मीडिया आउटलेट चाइना न्यूज सर्विस ने गुरुवार को बताया कि भीषण गर्मी की वजह से महत्वपूर्ण यांग्त्ज़ी नदी भी सूखने लगी है. इसके मुख्य ट्रंक पर पानी का फ्लो पिछले पांच वर्षों में औसत से लगभग 50 प्रतिशत कम है. यह काफी चिंता का विषय है.
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