सिख धर्म में कैसे होता है अंतिम संस्कार? पंचतत्व में ऐसे विलीन होंगे डॉ मनमोहन सिंह

Manmohan Singh Funeral: सिख धर्म में व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके शरीर को शमशान ले जाने से पहले उसे स्नान कराया जाता है. इसके बाद सिख धर्म से जुड़ी 5 प्रमुख वस्तुएं, जिसमें कड़ा, कृपाण, कंघा, कटार और केश को सजाया जाता है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 28, 2024, 10:14 AM IST
  • हिंदू धर्म से थोड़ी अलग होती है परंपरा
  • आत्मा की शांति के लिए करते हैं अरदास
सिख धर्म में कैसे होता है अंतिम संस्कार? पंचतत्व में ऐसे विलीन होंगे डॉ मनमोहन सिंह

नई दिल्ली: Manmohan Singh Funeral: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आज दिल्ली के निगम बोध घाट में आज शनिवार 28 दिसंबर 2024 की सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. पूर्व प्रधानमंत्री को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी. उनका अंतिम संस्कार सिख समुदाय की परंपरा के अनुसार किया जाएगा. चलिए जानते हैं कि सिख धर्म में अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है. 

सिख धर्म में कैसे होता है अंतिम संस्कार?
सिख धर्म में हिंदू धर्म की तरह ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की जाती है, हालांकि इसमें कुछ चीजें थोड़ी बहुत अलग भी होती हैं, जैसे हिंदू धर्म में आमतौर पर महिलाओं को शमशान घाट जाने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन सिख धर्म में महिलाएं इस प्रक्रिया में पूर्ण रूप से भाग लेती हैं. वे अंतिम संस्कार में शामिल होती हैं. 

वाहेगुरू का होता है जाप 
सिख धर्म में व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके शरीर को शमशान ले जाने से पहले उसे स्नान कराया जाता है. इसके बाद सिख धर्म से जुड़ी 5 प्रमुख वस्तुएं, जिसमें कड़ा, कृपाण, कंघा, कटार और केश को सजाया जाता है. फिर मृतक के परिजन और करीबी रिश्तेदार वाहेगुरू का जाप करते हुए अर्थी को शमशान तक ले जाते हैं. आखिर में मृतक का कोई करीबी उसकी चिता को मुखाग्नि देता है. 

आत्मा की शांति के लिए किया जाता है अरदास
सिख धर्म में शव की चिता जलाने की बाद अगले 10 दिन तक विशेष धर्मिक आयोजन किए जाते हैं. शमशान से लौटने के बाद सबसे पहले स्नान किया जाता है और फिर लोग शाम के समय भजन और अरदास करते हैं. इस दौरान गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है. यह पाठ मृत्यु के बाद 10 दिनों तक चलता रहता है. इसके बाद पाठ में शामिल सभी लोगों को कड़हा प्रसाद दिया जाता है. प्रसाद वितरण के दौरान भी भजन-कीर्तन किया जाता है, जिसमें सभी लोगों की ओर से मृतक व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए अरदास किया जाता है.   

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