Protest over super tax in Pakistan: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की माली हालत ठीक करने के मकसद से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के बड़े उद्योगों पर 10 फीसदी की रेट से ‘सुपर टैक्स’ लगाने का फैसला लिया था. इस फैसले का मकसद नकदी संकट और अस्थिर अर्थव्यवस्था समेत कई आर्थिक चुनौतियों का सामना करना बताया गया था. लेकिन पाकिस्तान सरकार का ये दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है.


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इमरान खान ने खोला मोर्चा


पाकिस्तान में सुपर टैक्स के ऐलान के साथ ही शेयर बाजार में हाहाकार मच गया. पाकिस्तानी स्टॉक मार्केट में इस ऐलान के बाद भारी गिरावट दर्ज की गई जिससे निवेशकों की भारी-भरकम रकम डूब गई. सुपर टैक्स के ऐलान के बाद सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन में पाकिस्तानी शेयर बाजार में 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. अब इस टैक्स के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई के नेता इमरान खान ने भी मोर्चा खोल दिया है.


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इमरान ने 2 जुलाई को सुपर टैक्स के फैसले के विरोध में मार्च निकालने का ऐलान कर दिया है. पीटीआई के मुताबिक इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में इमरान इस फैसले के खिलाफ रैली आयोजित करने जा रहे हैं. उन्होंने शरीफ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए पाकिस्तान की सरकार के पास कोई नीति नहीं है. उनका कहना है कि इससे उद्योग जगत पर बोझ और बढ़ेगा साथ ही देश में बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच जाएगी.


क्यों लेकर आए सुपर टैक्स?


शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को अपनी आर्थिक टीम के साथ बैठक के बाद सुपर टैक्स लगाने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा कि सुपर टैक्स व्यवस्था लागू होने से देश के उच्च आय वाले व्यक्ति भी गरीबी उन्मूलन टैक्स के दायरे में आ जाएंगे. शहबाज ने कहा कि 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले व्यक्तियों पर एक फीसदी टैक्स लगेगा. वहीं, 20 करोड़ की इनकम पर 2 प्रतिशत, 25 करोड़ रुपये की आमदनी पर तीन प्रतिशत और 30 करोड़ की रुपये की इनकर पर 4 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा.


पीएम शहबाज शरीफ ने टैक्स लागू करने का ऐलान करते हुए कहा कि हमारा पहला मकसद जनता को राहत देने के साथ लोगों पर महंगाई का बोझ कम करना और उन्हें सुविधा देना है. उन्होंने कहा कि हमारा दूसरा मकसद देश को दिवालिया होने से बचाना है. देश इमरान खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की अक्षमता और भ्रष्टाचार के कारण तबाह हो गया है.


उद्योग जगत हुआ परेशान


शहबाज शरीफ देश की आर्थिक हालत के लिए भले ही इमरान सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हों लेकिन मौजूदा फैसला का देशभर में विरोध हो रहा है. सुपर टैक्स के ऐलान के बाद से पाकिस्तान के उद्योग जगत में इस फैसले की जमकर आलोचना हुई है. कारोबारियों का मानना है कि इस फैसले से उद्योग जगत को होने वाले मुनाफे को नुकसान पहुंचेगा और शेयर बाजार पर भी इसका बुरा असर पड़ने वाला है.


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