Pakistan Food Crisis: महंगाई और भुखमरी से जूझ रहे पाकिस्तान की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रही है. पाकिस्तान के उच्च अधिकारी विदेशों के सामने हाथ फैलाए हुए खड़े हैं. पेट्रोल-डीजल समेत रोजमर्रा के सामानों में आए दिन इजाफा देखने को मिल रहा है. कर्ज में डूबे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बिल्कुल बदहाल हालत में है. अपनी हालत को सुधारने के लिए पाकिस्तान आईएमएफ से गुहार लगा रहा है लेकिन आईएमएफ की शर्तें पाकिस्तान के लिए 'आगे कुआं पीछे खाई' जैसी हैं. आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के एक कट्टरपंथी नेता का बयान तेजी से वायरल हो रहा है. पाकिस्तान के कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक का नेता हाफिज साद हुसैन रिजवी इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहे पाकिस्तान को निकालने के लिए पागलपन वाले सुझाव दे रहा है.


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हाफिज सईद हुसैन रिजवी का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह अपने समर्थकों के सामने कह रहा है कि पाकिस्तान को अपनी आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है. उसे अब एक हाथ में कुरान लेनी है और दूसरे हाथ में एटम बम का डिब्बा लेना है और स्वीडन के लिए निकल जाना है. बस इसके बाद पूरी दुनिया मदद के लिए आ खड़ी होगी. 'विनाश काले-विपरीत बुद्धि' शायद इसी के लिए कहा गया है. आपको बता दें कि पाकिस्तान में महंगाई 48 सालों में अपने उच्चतम स्तर पर है.



पाकिस्तान के कट्टरपंथी समूह के जिस नेता ने यह बयान दिया है अब जरा उसका इतिहास जान लीजिए. हाफिज साद हुसैन रिजवी की उम्र 29 साल है. अपने पिता की मृत्यु के बाद उसने तहरीक ए लब्बैक की कमान संभाली. हुसैन रिजवी के ऊपर आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997 (एटीए) के तहत आरोप भी लगाया जा चुका है. देश में अशांति फैलाने के लिए साद हुसैन के ऊपर मुकदमे भी दर्ज हैं. हाफिज साद हुसैन रिजवी बतौर उपसचिव तहरीक ए लब्बैक के साथ जुड़ा था. फिलहाल हुसैन रिजवी इस कट्टरपंथी समूह की बागडोर संभाल रहा है.


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