China Eye over India Bangladesh Friendship: पाकिस्तान (Pakistan), नेपाल (Nepal) और श्रीलंका (Sri Lanka) के बाद अब चीन (China) की निगाह भारत के एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश (Bangladesh) पर है. चीन, बांग्लादेश में भारत के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर बांग्लादेश में इन्वेस्टमेंट (Chinese investment in Bangladesh) कर रहा है. चीन की कई कंपनियां बांग्लादेश में इन्वेस्ट कर रही है साथ ही एडुकेशन से लेकर, मीडिया, सोशल सेक्टर और टूरिज्म के क्षेत्र में चीन अपना दखल बढ़ा रहा है.


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चीन-बांग्लादेश के संबंधों पर आधारित बांग्लादेशी सरकार के एक डॉक्यूमेंट से खुलासा हुआ है कि चीन ने पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश के साथ आपसी सहयोग का दायरा बढ़ा दिया है.


बांग्लादेश की मीडिया में चीन की घुसपैठ


बांग्लादेश के लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए चीन बांग्लादेशी मीडिया के साथ कई द्विपक्षीय एग्रीमेंट किये हैं जिसके मुताबिक चीन की न्यूज़ एजेंसियां लोकल बांग्ला भाषा में चीन की खबरें प्रकाशित कर रही है. इन खबरों में चीन की तारीफ वाले आर्टिकल से लेकर चीन की पालिसी के गुड़गान किये जाते हैं. यानी साफ है कि भारत-बांग्लादेश की दोस्ती और मजबूत रिश्तों की खबर को 'ड्रैगन' पचा नहीं पा रहा है.


(फोटो: सोशल मीडिया)

चीन की तरफ से बांग्लादेश में 2019 में 'China Hour' नाम का एक शो लॉच किया गया जो काफी पॉपुलर शो बना. इसी तरह China Focus, The Great Wall Show और China Bulletin जैसे चीनी शो के जरिये चीन बांग्लादेश के लोगों तक चीनी कलचर पहुँचा रहा है. China Radio International के जरिये भी चीन की पालिसी को बांग्ला में ट्रांसलेट कर रेडियो पर प्रसारित किया जा रहा है.


बांग्लादेश को मिल रहे हैं चीनी हथियार


बांग्लादेश चीन से  हथियारों,टैंक ,मिसाइल सिस्टम और जंगी जहाजों की खरीद में लगा हुआ है. ज़ी मीडिया के पास मौजूद एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बीते कुछ सालों में चीन ने बांग्लादेश को फाइटर एयरक्राफ्ट से लेकर डीजल इलेक्ट्रिक सबमैरीन, पेट्रोल क्राफ्ट, K-8W एयरक्राफ्ट, FM-90 मिसाइल सिस्टम, बैटल टैंक और जंगी जहाज बेचे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक डिफेंस सेक्टर के साथ बीजिंग ने इंफ्रास्ट्रचर क्षेत्र में भी वहां काफी निवेश किया है. 


चीन से बांग्लादेश सेना को हथियारों की मदद


चीन बांग्लादेश को हथियारों की सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा देश बन चुका है. हथियारों की इस साल ऐसे ही एक बड़ी डील के तहत बांग्लादेश चीन से  36 मल्टी रोल एयरक्राफ्ट खरीद रहा है. F-7 BGI जिस फाइटर जेल की सप्लाई चीन बांग्लादेश को करने जा रहा है वो F7 सीरीज को सबसे लेटेस्ट फाइटर एयरक्राफ्ट है. इसी तरह चीन ने पिछले कुछ सालों में 2 मिंग क्लास टाइप 035B  डीजल इलेक्ट्रिक सबमैरीन (Ming Class Type 035 B Diesel Electric Submarines) , पेट्रोल क्राफ्ट (Durjoy Class Patrol Craft K-8W Aircraft) , मिसाइल सिस्टम (FM-90 Missile System), बैटल टैंक (MBT-200 Battle Tanks), टाइप 59 जी (Type -59G Battle Tanks) , टाइप 69 बैटल टैंक (Type 69 Battle Tanks) और Jianwei-11 class frigates की खरीद की है. भले ही चीन बांग्लादेश को हथियारों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश क्यों न बन गया हो लेकिन कई सप्लाई किये जा रहे हथियारों और उनके खराब पार्ट्स की वजह से बांग्लादेश की डिफेंस फोर्सज में इसे लेकर चिंता बढ़ रही है. खराब किस्म के चीनी हथियारों की सप्लाई पाकिस्तान के लिए काफी परेशानी की वजह बनती जा रही है.


इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में चीन कर रहा बांग्लादेश में बड़ा निवेश


देखा जाये तो सिर्फ सैन्य क्षेत्र ही नहीं बल्कि चीनी कंपनियां बांग्लादेश के इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश कर रही है. चीन बांग्लादेश में रेल, रोड, हाईवे, पावर, शिपिंग और एग्रीकल्चर के क्षेत्र में काफी निवेश कर रहा है. चीन की एक्जिम बैंक (Exim Bank) बांग्लादेश को 7.64 बिलियन डॉलर का लोन दे रही हैं. साथ ही बंग्लादेश के 27 प्रोजेक्ट्स के लिए चीन की तरह से 20 बिलियन डॉलर  की मदद दी जा रही है. चीन अब बांग्लादेश में बन रहे  8 'China-Bangladesh Friendship Bridge' के लिए लोन मुहैया करा रहा है. ठीक इसी तरह 'Construction of Dhaka-Ashulia Elevated Expressway Project' के लिए भी चीन  1393.93 मिलियन डॉलर का लोन बांग्लादेश को दे रहा है.


बांग्लादेश के साथ मजबूत किये चीन ने डिप्लोमेटिक संबंध


चीन बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को लगातार मजबूत करने में लगा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि साल 1980 में बांग्लादेश के राष्ट्रपति जियाउर रहमान की चीन की यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों की एक नई शुरुआत हुई.  यही नहीं दोनों देशों ने साल 2000 में अपने डिप्लोमेटिक रिलेशन के 25 साल पूरा होने पोस्टल स्टाम्प जारी किये थे.  बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने पर प्राथमिकता दी और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के द्विपक्षीय समझौतों पर करार किये. एक बार फिर से साल 2016 में दोनों देशों ने अपने संबंधों को नये सिरे से परिभाषित करते हुए स्ट्रैटेजिक को ऑपरेटिव पार्टनरशिप (Strategic Cooperative Partnership) में तब्दील कर दिया. साल 2019 में शेख हसीना ने चीन की यात्रा पर गई जहां दोनों देशों के बीच 7 अलग अलग  द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.


चीन-बांग्लादेश व्यापार में बढ़ोतरी


साल 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन और बांग्लादेश के बीच हो रहे व्यापार में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साल 20-21 के आंकड़ों पर नज़र डालें तो जहां बांग्लादेश ने चीन से 13263.02 मिलियन डॉलर का सामान आयात किया है वहीं बांग्लादेश से चीन को सिर्फ 701.42 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया गया है. दोनों देशों के बीच 10 बिलियन डॉलर का ट्रेड गैप है. यही नहीं अमेरिका के बाद चीन बांग्लादेश में विदेशी निवेश करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है.


जानकारों के मुताबिक जिस तरह चीन, बांग्लादेश को लोन मुहैया करा रहा है और चीनी कंपनियां बांग्लादेश में निवेश कर रही हैं उससे आशंका बढ़ती जा रही है कि कहीं आने वाले दिनों में बांग्लादेश, भी चीन के कर्ज के जाल में तो नहीं फंस जाएगा? दरअसल बीते कुछ सालों में अफ्रीका, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश चीन के कर्ज के जाल (China Debt Trap) में फंस चुके हैं. जानकारों के मुताबिक चीन बांग्लादेश में अपना प्रभाव बढ़ा कर भविष्य में भारत की सुरक्षा चिंता बढ़ा सकता है.