Shanghai Cooperation Organization: भारत ने पाकिस्तान और चीन सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्यों को औपचारिक रूप से आगामी विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए निमंत्रण भेजा है. बैठक 4-5 मई को गोवा में आयोजित आयोजित की जाएगी. निमंत्रित मेहमानों में चीन के नए विदेश मंत्री किन गैंग और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरादारी शामिल हैं.


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बता दें भारत ने पिछले साल सितंबर में 9 सदस्यीय मेगा ग्रुप की अध्यक्षता संभाली थी. इस साल प्रमुख मंत्रिस्तरीय बैठकें और शिखर सम्मेलन भारती में आयोजित की जाएंगी. सूत्रों ने कहा, 'अभी तक पाकिस्तानी पक्ष की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि विदेश मंत्री बिलावल बैठक में शामिल होंगे या नहीं.'


पाकिस्तान ने इस महीने के आखिर में मुंबई में होने वाले एससीओ फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा नहीं ले रहा है जबकि सभी देशों ने प्रविष्टियां भेजी हैं, पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसने समूह के तीसरे ऐसे फिल्म समारोह में स्क्रीनिंग के लिए कोई फिल्म नहीं भेजी.


सूचना एवं प्रसारण की अतिरिक्त सचिव नीरजा शेखर ने सोमवार को कहा, ‘केवल एक एससीओ सदस्य देश है, जहां से प्रविष्टियां प्राप्त नहीं हुई हैं, कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.’


20 वर्ष पुराने इस संगठन में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान और चार मध्य एशियाई देश - कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके सदस्य हैं. ईरान सदस्य बनने वाला नवीनतम देश है और भारतीय अध्यक्षता में पहली बार पूर्ण सदस्य के रूप में समूह की बैठक में भाग लेगा. शंघाई सहयोग संगठन की पिछली बैठक उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई थी.


तनावपूर्ण रहे हैं भारत पाक रिश्ते
बता दें भारत-पाकिस्तान के रिश्तों का इतिहास उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. पाकिस्तान की जमीन से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकी गतिविधियों का भारत कड़ा विरोध करता है. वहीं इस्लामाबाद किसी भी वार्ता के लिए जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है.


बिलावल की पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी
इसके अलावा, पीएम मोदी पर पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में एफएम बिलावल की टिप्पणी ने दोनों देशों के बीच संबंधों में एक बड़ी दरार पैदा कर दी है.


शरीफ ने दिए नरमी के संकेत
हालांकि पिछले दिनों पाक पीएम शहबाज शरीफ ने अपने एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के रवैय में नरमी के संकेत दिए थे.


न्यूज चैनल अल अरबिया को दिए एक इंटरव्यू में शरीफ ने कहा, ‘यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें और प्रगति करें या आपस में झगड़ें और समय और संसाधनों को बर्बाद करें. भारत के साथ हमारे तीन युद्ध हुए हैं और ये लोगों के लिए और अधिक दुख, गरीबी और बेरोजगारी ही लाए हैं. हमने अपना सबक सीख लिया है और हम शांति से रहना चाहते हैं बशर्ते हम अपनी वास्तविक समस्याओं को हल करने में सक्षम हों. गोला-बारूद, यही संदेश मैं प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं.’


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