नई दिल्‍ली: पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिकी यात्रा के दौरान राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी ने कश्‍मीरी के मसले पर मध्‍यस्‍थता की गुजारिश की थी. इस पर भारत में पैदा हुए बवाल के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्‍यसभा में मंगलवार को बयान दिया कि पीएम मोदी ने कभी इस तरह की कोई बात राष्‍ट्रपति ट्रंप से नहीं कही. हालांकि विदेश मंत्री के बयान के बाद भी यह मामला ठंडा होता नहीं दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक विपक्ष की मांग है कि इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में आकर स्‍पष्‍टीकरण देना चाहिए. उनकी जगह किसी अन्‍य मंत्री का बयान स्‍वीकार्य नहीं होगा.


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कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मसले पर कहा कि आप सबने TV चैनलों पर देखा होगा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान कहा कि 2 हफ्ते पहले जब पीएम मोदी से मुलाकात हुई तो उन्‍होंने मध्‍यस्‍थता (mediate) करने के लिए कहा. उन्‍होंने कहा कि सवाल ये है कि आज तक हमारी विदेश नीति रही है कि ये दोनों देशों के बीच का मामला है, इसमें विश्व की कोई ताकत बीच में नहीं आ सकती. हम द्विपक्षीय इस समस्या का समाधान निकालेंगे.


कश्मीर मसले पर PM मोदी ने ट्रंप से कभी भी मध्यस्थता के लिए नहीं कहा: एस जयशंकर


गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अब सवाल उठता है कि हमारे देश की पॉलिसी में क्‍या इतना बड़ा बदलाव आया है? आखिर दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति ने ऐसा कहा है. मैं नहीं समझता कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने बिना सोचे-समझे बोला होगा. इसके साथ ही आजाद ने ये भी कहा कि मैं नहीं कहता कि हमारे प्रधानमंत्री ने झूठ बोला है. लेकिन प्रधानमंत्री खुद आकर ये बात कहें कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने झूठ बोला है. हम अपने देश के प्रधानमंत्री की बात मानेंगे. लेकिन अगर कोई अफसर ये बात बोलेगा तो हम नहीं मानेंगे. तृणमूल कांग्रेस ने भी कहा कि पीएम आकर सदन में बताएं कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं या नहीं.



विदेश मंत्री का स्‍पष्‍टीकरण
इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि पीएम मोदी ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी कोई मांग राष्ट्रपति ट्रंप से नहीं की है. विदेश मंत्री ने साफ किया कि भारत का लगातार यह पक्ष रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता ही होगी. पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत की शर्त ये है कि सीमा पार से आतंकवाद बंद हो. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अगर कश्मीर मसले पर बातचीत करना चाहता है तो उसे पहले आतंकवाद पर लगाम लगानी होगी.


डोनाल्ड ट्रंप का बयान आने के बाद विपक्षी दलों ने इस पर बहस के लिए संसद के दोनों सदनों में नोटिस दिया था. इसी के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अपनी बात कही. जयशंकर के इस बयान के बाद विपक्षी दल हंगामा करने लगे, जिसके बाद सभापति वेंकैया नायडू ने सदन को पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित किया, उसके बाद उसे दो बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया गया.


थरूर बोले- पीएम मोदी ऐसा कभी नहीं कह सकते
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भी डोनाल्ड ट्रंप के बयान को गलत ठहरा चुके हैं. थरूर ने कहा है कि ट्रंप सरासर झूठ बोल रहे हैं. पीएम मोदी कभी भी कश्मीर मसले में किसी तीसरे की मध्यस्थता की बात नहीं कह सकते हैं. थरूर ने कहा है कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी की कही गई बातों को ट्रंप ठीक से समझ नहीं पाए होंगे, इसलिए वह इस तरह की बातें कर रहे हैं.


ट्रंप ने क्या कहा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत के दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'दो सप्ताह पहले मेरी पीएम नरेंद्र मोदी से भेंट हुई थी और उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या आप मथ्यस्थ बनना चाहेंगे? मैंने पूछा कहां? उन्होंने कहा, कश्मीर में.'


उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की भूमिका निभाने का आग्रह किया है. इसपर ट्रंप ने कहा, 'अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे मध्यस्थ बन कर खुशी होगी.'