नई दिल्लीः विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को खरी खरी सुनाते हुए कहा है कि अगर वह इतने ही उदार हैं तो आतंकी मसूद अजहर को भारत को सौंप दें. विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत को खारिज करते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन से चल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता तब तक भारत की उससे कोई बातचीत नहीं हो सकती. बुधवार (13 मार्च) को ‘इंडियाज वर्ल्ड: मोदी गवर्नमेंट्स फॉरेन पॉलिसी’ पर बातचीत में सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान को आईएसआई और अपनी सेना पर नियंत्रण करने की जरूरत है जो बार-बार द्विपक्षीय रिश्तों को बर्बाद करने पर तुले हैं. 


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उन्होंने कहा, “अगर इमरान खान (पाकिस्तानी प्रधानमंत्री) इतने उदार हैं और राजनय हैं, उन्हें हमें मसूद अजहर सौंप देना चाहिए.” विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते हो सकते हैं बशर्ते पड़ोसी देश “अपनी जमीन पर आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे.” 



विदेश मंत्री से भारत द्वारा पीओके के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के पलटवार के बारे में भी सवाल पूछा गया, इस पर सुषमा ने कहा, “जैश की तरफ से पाकिस्तानी सेना ने हम पर हमला क्यों किया? आप न सिर्फ जैश को अपनी जमीन पर पाल रहे हैं बल्कि उन्हें वित्त पोषित कर रहे हैं और जब पीड़ित देश प्रतिरोध करता है तो आप आतंकी संगठन की तरफ से उस पर हमला करते हैं.” 



सुषमा ने कहा कि “आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. हम आतंकवाद पर बात नहीं चाहते, हम उस पर कार्रवाई चाहते हैं.” 


पाकिस्तान के साथ स्थिति नहीं बिगड़ने देगा भारत लेकिन पुलवामा को नियति नहीं मानेगा : सुषमा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि पुलवामा हमले के बाद उन्होंने कई देशों को अवगत करा दिया कि भारत, पाकिस्तान के साथ हालात को बिगड़ने नहीं देगा लेकिन उस देश से कोई भी हमला हुआ तो वह चुप नहीं रहेगा. 


मोदी सरकार की विदेश नीति पर एक थिंक टैंक को संबोधित करते उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को चिंता है कि भारत स्थिति को खराब करेगा और इस मुद्दे पर कई विदेश मंत्रियों के साथ उनका संवाद हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विदेश मंत्रियों के कॉल आते हैं, जो सबसे पहले पुलवामा हमले पर शोक प्रकट करते हैं फिर एकजुटता प्रकट करते हैं और इसके बाद वे धीरे से कहते हैं कि हमें लगता है भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा.’’ 


स्वराज ने कहा, ‘‘इस पर मेरा जवाब रहता है - नहीं. मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि भारत स्थिति को नहीं खराब करेगा लेकिन कोई भी आतंकी हमला हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे क्योंकि पुलवामा हमले को हम अपनी नियति नहीं कह सकते.’’ 


(इनपुट भाषा से भी)