Mohammad Ali Jinnah: बंटवारे के `खलनायक` जिन्ना के धर्म पर सबसे बड़ा खुलासा! गुजरात के इस गांव से रखता था संबंध
India Pakistan partition: हमारे देश में कई चुनावों के दौरान जिन्ना का जिन्न बाहर निकल आता है. आपने कई बार देखा होगा कि जिन्ना चुनावी बहस का मुद्दा भी बन जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के बंटवारे का खलनायक जिन्ना गुजरात से था? उसके पूर्वज गुजरात से ताल्लुक रखते थे? आज हम आपको बताएंगे कि एक हिंदू जेनाभाई ठक्कर का बेटा आखिर जिन्ना कैसे बना.
Jinnah's relationship with India: बंटवारे का विलेन मोहम्मद अली जिन्ना का जन्म अविभाजित कराची शहर में हुआ था. मोहम्मद अली जिन्ना के पिता का नाम जेनाभाई ठक्कर था. जेनाभाई ठाकरे व्यापार की तलाश में गुजरात से कराची पहुंच गए थे. जेनाभाई ने अपने बेटे का नाम मोहम्मद अली जेनाभाई रखा, क्योंकि गुजरात के इस इलाके में पिता का नाम पुत्र के नाम के साथ जोड़ा जाता है. लेकिन मोहम्मद अली जिन्ना जब लंडन पहुंचा तो उसने अपना नाम मोहम्मद अली जिन्ना रख लिया.
सरदार पटेल ने किया जिन्ना का ये बड़ा प्लान फेल
भारत-पाकिस्तान के बंटवारे का सबसे बड़ा खलनायक मोहम्मद अली जिन्ना को ही माना जाता है. देश की आजादी के वक्त मोहम्मद अली जिन्ना भारत के खिलाफ साजिशों में जुटा था. यूं कहें कि जिस मिट्टी में उसके परिवार ने जन्म लिया था, उस गुजरात के सौराष्ट्र के बड़े हिस्से को पाकिस्तान में शामिल करने की साजिश कर रहा था लेकिन इसी गुजरात की मिट्टी के सपूत सरदार वल्लभ भाई पटेल के फौलादी इरादों के आगे जिन्ना की सभी साजिशें फेल हो गई. सौराष्ट्र और मध्य भारत के सभी रजवाड़ों का एकीकरण कर सरदार पटेल ने अखंड भारत का हिस्सा बनाया.
पूंजाभाई ठक्कर का पोता था जिन्ना
मोहम्मद अली जिन्ना जो कराची में पैदा हुआ, कराची भी अविभाजित भारत का प्रमुख शहर था. मोहम्मद अली जिन्ना के दादा पूंजाभाई ठक्कर अपने पूरे परिवार के साथ गुजरात के राजकोट जिले के इसी मोटी पनेली गांव में रहा करते थे. पूंजाभाई ठक्कर के सबसे छोटे बेटे जेनाभाई ठक्कर का पुत्र था मोहम्मद अली जिन्ना. इतिहासकारों के मुताबिक 16 वर्ष की उम्र में मोहम्मद अली जिन्ना की शादी गुजरात के मोटी पनेली गांव की ऐमीबाई से हुई थी. लेकिन शादी के बाद मोहम्मद अली जिन्ना और ऐमीबाई की मुलाकात कभी नहीं हुई.
जिन्ना का परिवार था हिंदू
मोहम्मद अली जेनाभाई यानी जिन्ना का परिवार मछली का व्यापार करने लगा था. जिन्ना का परिवार हिंदू था, लोहानी ठक्कर समाज से था तो समाज के लोगों ने इस मछली कारोबार का विरोध किया. इतिहासकारों का मानना है कि जब मछली के व्यापार का विरोध हुआ तो जेनाभाई ठक्कर के परिवार ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया और खोजा मुसलमान बन गए. यही नहीं यह भी कहा जाता है कि जिन्ना का परिवार तत्कालीन नवाबों के ज़्यादा संपर्क में आ गया था, ये भी धर्म परिवर्तन का एक बड़ा वजह माना जाता है. वक्त के साथ जिन्ना ने अपना नाम मोहम्मद अली जेनाभाई से मोहम्मद अली जिन्ना बन गया.
मोटी पनेली गांव में मौजूद है जिन्ना के परिवार का घर
मोहम्मद अली जिन्ना के परिवार का यह घर आज भी गुजरात के मोटी पनेली गांव में मौजूद है. मौजूदा समय में इस घर में भले ही एक पटेल परिवार क्यों ना रहता हो लेकिन यह घर आज भी जिन्ना वाले घर के नाम से ज़्यादा जाना जाता है. यह इमारत काफ़ी पुरानी है. इस घर में रहने वाला पटेल परिवार जिन्ना के नाम से तंग आ चुका है, जिन्ना का नाम सुनना भी नहीं चाहता है, क्योंकि हर साल 6 महीने पर कोई ना कोई जिन्ना की पूछताछ करते इस घर पर पहुँच ही जाता है. जिन्ना के जिन्न से यह पूरा परिवार त्रस्त है.
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