नवाज शरीफ की वतन वापसी कंफर्म! इस तारीख को लौटेंगे पाकिस्तान..संभालेंगे चुनाव की कमान
Pakistan Election: पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ इलाज कराने के लिए लंदन गए थे, तब से वापस नहीं लौटे हैं. जब उन्होंने देश छोड़ा था तो वह भ्रष्टाचार के आरोप में सात साल की सजा भुगत रहे थे.
Nawaz Sharif Will Return Pakistan: पाकिस्तान की राजनीति में इस समय एक नाम की जबरदस्त चर्चा है और वह नाम है पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का. असल में कहा जा रहा है कि नवाज शरीफ का वनवास खत्म होने वाला है और वे जल्द ही पाकिस्तान लौटेंगे. वैसे भी शहबाज शरीफ का कार्यकाल खत्म होने के बाद पाकिस्तान में इन दिनों कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार चल रही है. ऐसे में आम चुनावों के मद्देनजर संभावना जताई जा रही है लंदन में इलाज करा रहे नवाज शरीफ 15 अक्टूबर को या इससे पहले पाकिस्तान लौट सकते हैं.
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि वे 10 और 15 अक्टूबर से पहले वतन वापसी कर सकते हैं. इतना ही नहीं यह भी माना जा रहा है वह चुनावों के दौरान अपनी पार्टी की कमान संभाल लेंगे. खुद उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू के दौरान इस बात की पुष्टि की थी कि चुनाव से जुड़े सारे कैंपेन और प्लानिंग नवाज के हिसाब से ही होगी और वहीं पार्टी लीड करेंगे. वहीं कुछ पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि नवाज शरीफ पाकिस्तान के चीफ जस्टिस के रिटायर होने का इंतजार कर रहे हैं.
ऐसा इसलिए है क्योंकि चीफ जस्टिस 17 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं. इसके बाद नवाज पाकिस्तान लौटेंगे, जहां उन्हें पनामा पेपर लीक केस में राहत मिलने की उम्मीद है. असल में नवाज शरीफ ने नवंबर 2019 में उपचार के लिए पाकिस्तान छोड़ दिया था. इसी दौरान उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में सजा भी हुई थी. वह तब से पाकिस्तान नहीं लौटे हैं और पाकिस्तान में उन पर कई मामले दर्ज हैं. इसके बाद अगले साल फरवरी 2020 में उन्हें भगोड़ा मान लिया गया था.
पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ इलाज कराने के लिए लंदन गए थे, तब से वापस नहीं लौटे हैं. जब उन्होंने देश छोड़ा था तो वह भ्रष्टाचार के आरोप में सात साल की सजा भुगत रहे थे, लेकिन हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू ऑफ जजमेंट एंड आर्डर एक्ट-2023 को असंवैधानिक करार दे दिया है. इससे नवाज की वापसी की उम्मीदों पर संदेह के बादल छा गए. उन्हें कोर्ट पहले ही आजीवन सार्वजनिक पद धारण के अयोग्य ठरारा चुका है.